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फटती जमीन, दरकते मकान और रिसता पानी...कैसे बचेगा जोशीमठ? आज CM धामी करेंगे हाईलेवल मीटिंग

जोशीमठ की आबादी 25 से 30 हजार के करीब है। पहाड़ों पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है लेकिन लोग घरों से बाहर रहने को मजबूर हैं क्योंकि उनका घर फट रहा है। तकरीबन 3000 से ज्यादा जिंदगी इस वक्त खतरे में हैं।

Written By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jan 06, 2023 7:44 IST, Updated : Jan 06, 2023 14:36 IST
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Image Source : TWITTER जमीन से फूट रही पानी की धार

जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ में इस वक्त हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में है। गुजरते वक्त के साथ यहां रहने वाले लोगों पर मौत का साया बढ़ता जा रहा है। जमीन फट रही है। सड़क, मकान, होटल सब जगह दरारें पड़ गई हैं जो लगातार बढ़ती जा रही है। पूरे जोशीमठ में जमीन से पानी फूट रहा है। दरारों की वजह से घर झुक रहे हैं, लोग खुले आसमान के नीचे रात काटने को मजबूर है। अब तक 561 घरों में दरारें आ चुकी है इसिलए यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हालात पर खुद नजर बनाए हुए हैं। आज शाम को सीएम जोशीमठ के ताजा हालात पर हाई लेवल मीटिंग करने जा रहे हैं जिसमें सरकार कुछ बड़े फैसले ले सकती है।

अब तक 38 परिवारों को किया गया शिफ्ट

इस बीच गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा की अगुवाई में एक्सपर्ट की एक टीम जोशीमठ पहुंच गई है जो प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर ही है। जोशीमठ में अब तक 561 घरों में दरारें आ चुकी है। दो होटल लोगों के रहने लायक नहीं बचे हैं। 38 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। प्रशासन ने लोगों के रहने के लिए 70 कमरे, 7 हॉल और 1 ऑडिटोरियम की व्यवस्था की है।

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Image Source : PTI
प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने पहुंचे सीनियर अफसर

जोशीमठ में अवैध निर्माण बड़ी वजह
जोशीमठ की आबादी 25 से 30 हजार के करीब है। पहाड़ों पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है लेकिन लोग घरों से बाहर रहने को मजबूर हैं क्योंकि उनका घर फट रहा है। तकरीबन 3000 से ज्यादा जिंदगी इस वक्त खतरे में हैं। जोशीमठ में जमीन फटने के पीछे इलाके के लोग NTPC के विष्णुगाड-तपोवन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए बन रही टनल को जिम्मेदार बता रहे हैं। NTPC के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ लोगों ने रात में मशाल जुसूल निकाला। प्रशासन के साथ साथ सरकार के खिलाफ भी लोगों ने हल्ला बोला।

जोशीमठ के हालात को देखते हुए इन प्रोजेक्ट्स को रोक दिया गया है-

  • BRO ने हेलंग बाई पास का काम रोका
  • NTPC पावर प्रोजेक्ट का काम रुका
  • जोशीमठ-औली रोपवे सेवा बंद
  • रोपवे के टावर नंबर 1 पर जमीन धंसी
  • 2-2 हजार प्री-फैब्रिकेटेड मकान बनाने की तैयारी
  • NDRF और SDRF की टीम अलर्ट

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Image Source : TWITTER
घरों की दीवारों में दरारें

जानिए तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के बारे में
- तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट 520 मेगावाट की है, इसका काम साल 2005 में शुरू हुआ था।  
- प्रोजेक्ट की एक निर्माणाधीन सुरंग है जिसका काम 2011 में शुरू हुआ था, ये टनल जोशीमठ शहर के नीचे से गुजरेगी।
- टनल की कुल लंबाई करीब 17 किलोमीटर है। टनल का काम अभी चल रहा है।
- अभी तक इसका 70 फीसदी काम पूरा हुआ है।

जोशीमठ के कई इलाकों में सालों से पानी रिस रहा है लेकिन प्रशासन ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया। आज हालात ऐसे हो गए हैं कि पूरे जोशीमठ के जमीन में समाने का खतरा पैदा हो गया है।

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