उत्तराखंड के कई हिस्सों में सोमवार को लगातार बारिश जारी रही जिससे कुमाऊं क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं, सैकड़ों ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और चंपावत तथा उधम सिंह नगर जिलों के कई गांवों में भारी जलभराव हो गया है। उधमसिंह नगर में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। यहां से एक वीडियो सामने आया है जिसमें बच्चे को गोद में लिए एक महिला लड़की पर सवार होकर जिंदगी बचाने की जद्दोजहद करती नजर आ रही है। महिला और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
चारधाम यात्रा फिर शुरू
अपर आयुक्त (गढ़वाल) नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि गढ़वाल क्षेत्र में मौसम में सुधार के बाद चार धाम यात्रा सोमवार को फिर से शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनजर एक दिन के लिए यात्रा स्थगित कर दी गई थी। देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने बताया कि पिथौरागढ़ में 125.50 मिमी बारिश हुई है, जहां काली, गोरी और सरयू नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। राज्य भर में 200 से अधिक ग्रामीण सड़कें भूस्खलन के मलबे से अवरुद्ध हो गई हैं।
लोगों ने होटल, विवाह भवनों और अपने रिश्तेदारों के यहां ली शरण
उधम सिंह नगर जिले के खटीमा और सितारगंज के अलावा चंपावत जिले के पूर्णागिरि डिवीजन में भारी जलभराव के कारण पुलिस, NDRF और SDRF के कर्मियों को लगभग 200 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। इन लोगों ने होटल, विवाह भवनों और अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। पिथौरागढ़ जिले में लगातार बारिश हो रही है, जिससे दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिले के मुनस्यारी सब डिवीजन के तेजम गांव में सबसे अधिक 200 मिमी बारिश दर्ज की गई। टनकपुर से पिथौरागढ़ तक का बारहमासी मार्ग भारी बारिश के कारण पिछले चार दिनों में कई बार बंद हो चुका है। इसे पिथौरागढ़ और चंपावत दोनों जिलों की जीवन रेखा माना जाता है।
28 से अधिक सड़कें अवरूद्ध
जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी बी एस महार ने बताया, ‘‘पिथौरागढ़ जिले में बारिश के बाद छह सीमावर्ती सड़कों और 21 ग्रामीण सड़कों सहित 28 से अधिक सड़कें अवरूद्ध हो गई हैं। इन सड़कों को खोलने के प्रयास जारी हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश से बाधा उत्पन्न रही है।’’ उन्होंने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों के हवाले से बताया कि सड़कों को खोलने में एक दिन से अधिक समय नहीं लगेगा, लेकिन बारिश रूकने के बाद ही यह काम हो सकेगा। महार ने कहा, ‘‘भारी बारिश के कारण पुल के बह जाने से तेजम गांव के निवासियों का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से टूट गया है। हालांकि, वैकल्पिक पहुंच मार्ग का इस्तेमाल करके प्रशासन द्वारा उन्हें आवश्यक सामान आपूर्ति की गई है।’’
उन्होंने बताया कि व्यास घाटी में सीमावर्ती सड़क भी कई दिनों से बंद है, जिससे सुरक्षा बलों और ग्रामीणों को असुविधा हो रही है। नैनीताल जिले में हल्द्वानी के पास नदियां और नाले उफान पर हैं, गोला नदी का जलस्तर बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के पास जमीन का कटाव शुरू हो गया है। देहरादून में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। सोमवार दोपहर को भी देहरादून में भारी बारिश हुई। पौड़ी जिले के कोटद्वार में भी भारी जलभराव की सूचना है।
(रिपोर्ट- अनामिका गौड़)