जोशीमठ: उत्तराखंड के आपदाग्रस्त शहर जोशीमठ को बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन यहां के होटलों को तोड़ने में कुछ मुश्किल आ रही है। होटल से जुड़े लोगों ने इस मामले को लेकर विरोध भी किया था, जिसकी वजह से होटल गिराने का काम रोका गया था। होटल मालिकों का कहना है कि प्रशासन कह रहा है कि मार्केट रेट के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा लेकिन कितना दिया जाएगा, क्या रेट है ये कोई नहीं बता रहा।
क्या हैं वो 2 वजह, जिसकी वजह से नहीं तोड़े जा रहे सबसे खतरनाक होटल
इसमें पहली और सबसे अहम वजह की देरी प्राकृतिक है। जोशीमठ से और ऊपर की चोटियों में बर्फबारी दिख रही है। ओली के ऊपर बारिश हुई है। ऐसे में जोशीमठ के ऊपर भी काले बादल छाए हुए हैं। अगर इन दोनों होटलों को डिस्मेंटल करने का काम शुरू भी होता है और तेज बारिश या बर्फबारी होती है तो दिक्कत आ सकती है। यही वजह है कि प्रशासन मौसम खुलने का इंतजार कर रहा है।
दूसरी वजह ये है कि होटल मालिकों और जोशीमठ की जनता और प्रशासन का अभी तक समझौता नहीं हो पाया है। मुआवजे को लेकर लोग होटल के बाहर अभी भी बैठे हैं।