Highlights
- उत्तराखंड में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
- धामी ने शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की भी ईश्वर से कामना की है।
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर राज्य में 3 दिन (9 से 11 दिसंबर) का राजकीय शोक घोषित किया है। तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में जनरल रावत को ले जा रहा सेना का हेलीकॉप्टर गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि उत्तराखंड को अपने इस सपूत पर हमेशा गर्व रहेगा।
सीएम धामी ने जताया शोक
देहरादून में जारी एक संदेश में धामी ने जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका तथा अन्य लोगों की मृत्यु पर गहरा दुख जताया तथा दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की भी ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने जनरल रावत के आकस्मिक निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा में उन्होंने महती योगदान दिया है। उन्होंने कहा, 'देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिये गये साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा।'
‘उत्तराखंड की बड़ी क्षति’
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर जनरल रावत सेना के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए। उन्होंने कहा कि उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखंड की बड़ी क्षति हुई है और हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा। दिवंगत जनरल रावत उत्तराखंड के पौडी जिले के सैणा गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवारत रहा। जनरल रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचे थे।