नैनीताल (उत्तराखंड) : हलद्वानी शहर के बनभूलपुरा में कर्फ्यू में अस्थायी तौर पर ढील दी गई है। 8 फरवरी को एक अवैध ढांचे को गिराए जाने के बाद भड़की हिंसा के बाद बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया गया था। हालांकि, गौजाजाली, एफएसआई, गोदाम क्षेत्र में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक रात का कर्फ्यू जारी रहेगा। बनभूलपुरा पुलिस स्टेशन के तहत बाकी इलाकों में शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक रात का कर्फ्यू जारी रहेगा। वहीं इंटरनेट सेवा को अभी बहाल नहीं किया गया है।
8 फरवरी को हुई हिंसा के बाद लगा था कर्फ्यू
8 फरवरी को अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद पथराव की घटनाएं हुई थीं। साथ ही भीड़ ने वाहनों में आग भी लगा दी थी। बनभूलपुरा स्थित पुलिस स्टेशन को भी भीड़ ने घेर लिया था। हालात अनियंत्रित होते देख प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया और देखते ही गोली मारने का आदेश भी जारी कर दिया था। इस बीच कल अपर महानिदेशक (एडीजी) प्रशासन अमित सिन्हा बनभूलपुरा में हिंसा स्थल पर पहुंचे और नव स्थापित पुलिस चौकी का जायजा लिया। उन्होंने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
मुख्य साजिशकर्ता के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी
हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि हिंसा के संबंध में पांच और दंगाइयों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि ताजा गिरफ्तारियों के साथ आठ फरवरी को शहर में एक मदरसे को ध्वस्त करने के बाद हुई पथराव और आगजनी की घटनाओं के संबंध में पकड़े गए दंगाइयों की कुल संख्या 42 हो गई है। मलिक ने मदरसे का निर्माण कराया था और इसे ध्वस्त करने का पुरजोर विरोध किया था। उसे झड़पों का मुख्य साजिशकर्ता बताया जाता है।
अब्दुल मलिक और उसके बेटे सहित नौ ‘वांछित दंगाइयों’ के पोस्टर भी शहर के विभिन्न स्थानों पर चस्पा किए गए हैं और जनता से उनके बारे में कोई भी जानकारी पुलिस के साथ साझा करने का अनुरोध किया गया है। मलिक और उसके बेटे के अलावा, जिन लोगों की पुलिस को तलाश है उनमें तस्लीम, वसीम, अयाज, रईस, शकील अंसारी, मौकीन और जिया उल रहमान शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि उसकी टीम उपद्रवियों को पकड़ने के लिए हर संभव स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
इससे पहले अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को शहर के बनभूलपुरा इलाके में अलग-अलग अवधि के लिए कर्फ्यू में ढील दी थी। बनभूलपुरा में अवैध रूप से बनाए गए एक मदरसे को ढहाने के बाद आठ फरवरी को इलाके में हिंसा भड़क गई थी। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम के कर्मियों और पुलिस पर पथराव किया था और पेट्रोल बम फेंके थे जिसके कारण कई पुलिसकर्मियों को एक थाने में शरण लेनी पड़ी थी जिसे भीड़ ने बाद में आग के हवाले कर दिया था। पुलिस के अनुसार, इस हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी और पुलिस एवं पत्रकारों सहित 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। (इनपुट-भाषा)