देवरिया: यूपी के देवरिया से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक स्कूल पर संवेदनहीनता का आरोप लगा है। दरअसल स्कूल में एक छात्र की चैनल से उंगली कट गई, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने कटी हुई उंगली को कूड़े में फिंकवा दिया। कटी हुई उंगली को ढूंढने में 4 घंटे लग गए, जिसका नतीजा ये हुआ कि छात्र की उंगली जुड़ नहीं पाई और डॉक्टर ने इसे जोड़ने से मना कर दिया। परिजनों का आरोप है कि इस लापरवाही की वजह से छात्र हमेशा के लिए दिव्यांग हो गया।
छात्र के परिजनों ने क्या कहा?
देवरिया के एक स्कूल में क्लास 6 के छात्र वासु तिवारी की बीते शनिवार को लंच के दौरान स्कूल भवन में लगे चैनल से उंगली कट गई थी। वासु तिवारी के परिजनों का आरोप है कि उंगली कटने के बाद उसे स्कूल प्रशासन ने बाहर कूड़े में फिकवा दिया। इसकी वजह से उंगली खोजने में उनको चार घंटे से ऊपर लग गए। इस वजह से छात्र की उंगली जुड़ नहीं पाई। डॉक्टर ने उंगली जोड़ने से मना कर दिया। इस वजह से उनका बेटा अब आजीवन दिव्यांग की श्रेणी में आ गया।
स्कूल प्रबंधन ने क्या कहा?
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं थी। छात्र की उंगली का ऊपर का हिस्सा कटा हुआ था। जल्दबाजी में लोगों ने ध्यान नहीं दिया। जिस दिन घटना हुई, उस दिन स्कूल में मेडिकल कैंप भी लगा हुआ था। जहां बच्चे का इलाज किया गया और फिर उसको मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
छात्र के पिता ने डीएम से की शिकायत
वासु तिवारी के पिता संजय तिवारी ने इसकी शिकायत जिला अधिकारी दिव्या मित्तल से की। जिला अधिकारी दिव्या मित्तल ने पूरे प्रकरण की जांच बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी है। इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने पर आगे कार्रवाई होगी।
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि स्कूल प्रशासन पर जो लापरवाही का आरोप लगा है, अगर वह सत्य है तो उसका दंश मासूम वासु तिवारी को जीवनभर भुगतना पड़ेगा। वासु के पिता संजय तिवारी का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरा परिवार इस घटना से पूरी तरह स्तब्ध है कि छोटी सी लापरवाही के चलते उनके मासूम बच्चे की उंगली हमेशा के लिए कट गई। परिजनों ने कहा कि अगर समय रहते उंगली डॉक्टर को मिल गई होती तो उनके बच्चे की पूरी उंगली जुड़ गई होती। (इनपुट: देवरिया से विनोद कुमार द्विवेदी)