प्रयागराज: ज्ञानवापी मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई जारी है। ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर अदालत आज कोई आदेश जारी कर सकती है। इससे पहले कल भी हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने एएसआई सर्वे पर आज तक के लिए रोक लगा दी थी।
सर्वे से ज्ञानवापी परिसर को नुकसान नहीं-एएसआई
फिलहाल एएसआई के अधिकारी कोर्ट में अपनी बात रख रहे हैं। एएसआई के अधिकारियों ने कहा कि सर्वे से ज्ञानवापी परिसर को कोई नुकसान नहीं होगा। वहीं, मुस्लिम पक्ष की तरफ़ से ASI के एफ़िडेविट के जवाब में एक काउंटर एफ़िडेविट फ़ाइल किया गया है।
हमें परेशान किया जा रहा है-मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोर्ट में यह कहा गया कि हमें सिर्फ परेशान किया जा रहा है, कम से कम 9 मुकदमे लंबित हैं। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट कोई मुकदमा दाखिल नहीं कर रहा है, अन्य लोग मुकदमा दाखिल कर रहे हैं। ज्ञानवापी को लेकर वाराणसी में हम करीब 19 मुकदमों का सामना कर रहे हैं।
एएसआई सर्वे जरूरी -हिंदू पक्ष
राखी सिंह के वकील ने दलील दी कि एएसआई सर्वे जरूरी है क्योंकि अंजुमन मस्जिद ने कहा है कि यह ढांचा कल्पना पर आधारित है और इसका जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। उनका कहना है कि मस्जिद अपनी स्थापना के बाद से मुसलमानों के अलावा किसी और के कब्जे में नहीं थी।
चीफ जस्टिस कर रहे हैं मामले की सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद किसी मंदिर पर बना है या नहीं इसका पता लगाने के लिए एएसआई सर्वे का निर्देश देने वाले वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
कोर्ट ने आज तक के लिए सर्वे पर रोक लगा दी थी
अदालत ने 26 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसरों में एएसआई सर्वेक्षण पर रोक बृहस्पतिवार को बढ़ा दी थी। एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद थे और उन्होंने बताया था कि एएसआई की टीम किसी तरह से ढांचे को कोई क्षति नहीं पहुंचाने जा रही है। ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की अपील पर सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस दिवाकर ने इस मामले में अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एएसआई सर्वे पर बुधवार तक के लिए रोक लगाने के बाद मस्जिद कमेटी ने 25 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था।