Saturday, September 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में लिए गए 7 बड़े फैसले, सेमीकंडक्टर यूनिट और नई रेल लाइन को मिली मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में लिए गए 7 बड़े फैसले, सेमीकंडक्टर यूनिट और नई रेल लाइन को मिली मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में सात बड़े फैसले लिए गए हैं। यह मीटिंग किसानों के लिए अहम थी, क्योंकि इसमें कृषि क्षेत्र से जुड़े अहम फैसले लिए गए हैं।

Edited By: Shakti Singh
Updated on: September 02, 2024 16:44 IST

केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में सात बड़े फैसले लिए गए हैं। यह मीटिंग किसानों के लिए अहम थी, क्योंकि इसमें कृषि क्षेत्र से जुड़े अहम फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक में हुए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "कैबिनेट बैठक में किसानों के जीवन को बेहतर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए 7 बड़े फैसले लिए गए हैं। पहला है डिजिटल कृषि मिशन। इसे कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। कुछ अच्छे पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं और हमें सफलता मिली है। उसी के आधार पर 2,817 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ डिजिटल कृषि मिशन की स्थापना की जाएगी।"

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "दूसरा फैसला खाद्य और पोषण सुरक्षा से जुड़ा है। हम अपने किसानों, अपने कृषि समुदाय को जलवायु-लचीले फसल विज्ञान और 2047 के लिए खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा के लिए कैसे तैयार करें। इसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम के लिए 6 स्तंभ स्थापित किए गए हैं जो 3,979 करोड़ रुपये की लागत से किए जाएंगे।"

गुजरात में सेमीकंडक्टर इकाई को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए कायन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेडके प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रस्तावित इकाई 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी। इस इकाई की क्षमता प्रतिदिन 60 लाख चिप बनाने की होगी। इस इकाई में उत्पादित चिप्स औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और मोबाइल फोन जैसे क्षेत्र की जरूरतें पूरी करेंगी। भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम को 21 दिसंबर, 2021 को 76,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था। जून, 2023 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। फरवरी, 2024 में, तीन और सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैब और असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित कर रही है। CG Power गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित कर रही है।सेमीकंडक्टर यूनिटों का निर्माण तेजी से चल रहा है और यूनिटों के पास एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम उभर रहा है। वे लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाएंगे और इन यूनिटों की संचयी क्षमता लगभग 7 करोड़ चिप्स प्रतिदिन है।

इंदौर और मनमाड के बीच नई रेल लाइन को मंजूरी

कैबिनेट समिति ने इंदौर और मुंबई के बीच एक नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। सीसीईए ने सोमवार को एक बयान में कहा कि रेलमंत्रालय लगभग 18,036 करोड़ रुपये की कुल लागत से इस परियोजना को लागू करेगा। इंदौर और मनमाड के बीच नई लाइन भारतीय रेलवे के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ाएगी। यह परियोजना दो राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के छह जिलों को कवर करती है, और मौजूदा भारतीय रेलवे के नेटवर्क को लगभग 309 किलोमीटर तक बढ़ाएगी। इस परियोजना से 30 नए स्टेशन बनेंगे, जिससे बड़वानी से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। नई लाइन परियोजना से करीब 1,000 गांवों और करीब 30 लाख की आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी। सीसीईए के बयान में कहा गया है कि यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत आती है , जिसे एकीकृत योजना के जरिए संभव बनाया गया है। यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

उज्जैन के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

यह परियोजना देश के पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों और मध्य भारत के बीच एक छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन- इंदौरक्षेत्र के विभिन्न पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। यह परियोजना पीथमपुर ऑटो क्लस्टर को भी सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिसमें 90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग हैं, जो उन्हें जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से जोड़ते हैं। इसके अतिरिक्त, यह मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को जोड़ेगा, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी भागों में इन उत्पादों का वितरण आसान हो जाएगा। यह कृषि उत्पादों, उर्वरकों, कंटेनरों, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और पीओएल (पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक) जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) अतिरिक्त माल यातायात होगा। रेलवे, पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन का साधन होने के नाते, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात को 18 करोड़ लीटर कम करने और CO2 उत्सर्जन को 138 करोड़ किलोग्राम कम करने में योगदान देगा, जो 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement