UNFPA Ageing Report: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष व भारत इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन द्वारा बुधवार को एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अगले तीन दशकों में भारत का समाज पूरी तरह बदल जाएगा। दरअसल 2050 तक हर 5 में से एक शख्स भारत में बुजुर्ग होगा। यानी सीधे तौर पर कहें तो अगले 3 दशकों में भारत की 20 फीसदी आबादी बुजुर्ग हो जाएगी जो वर्तमान में 10.1 फीसदी है। बता दें कि देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़ने का सिलसिला साल 2010 से शुरू हुआ था। मौजूदा चलन के मुताबिक तकरीबन 15 साल में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के नागरिकों की संख्या दोगुनी हो रही है। वहीं इस सदी के अंत तंक बुजुर्गों की संख्या कुल आबादी में 36 फीसदी तक रहेगी।
क्यों बढ़ रही बुजुर्गों की संख्या?
इस रिपोर्ट के मुताबिक केवल भारत में ही बुढ़ापे की समस्या नहीं है, बल्कि दुनियाभर की आबादी बूढ़ी हो रही है। वैश्विक स्तर पर साल 2022 में दुनिया की कुल आबादी (7.9 अरब) में से 1.1 अरब लोग 60 वर्ष से अधिक की आयु के थे। यह कुल आबादी का 13.9 फीसदी हिस्सा है। वहीं साल 2050 तक वैश्विक स्तर पर बुजुर्गों की संख्या बढ़कर करीब 2.2 अरब यानी लगभग 22 फीसदी तक पहुंच जाएगी। भारत में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के मुख्य तीन कारण बताए जा रहे हैं। इनमें
घटती प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर में कमी और उत्तरजीविता में वृद्धि शामिल है।
यूपी बना दूसरा सबसे युवा राज्य
बता दें कि पिछले एक दशक के दौरान देश में प्रजनन क्षमता में 20 फीसदी तक की गिरावट आई है। वहीं 2008 से 2010 के दौरान देश की सकल प्रजनन दर 86.1 फीसदी थी, जो साल 2018 से 2020 के दौरान घटकर 68.7 रह गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे युवा राज्य है। वहीं पहले स्थान पर बिहार है। बिहार में कुल 7.7 फीसदी आबादी बुजुर्ग है। वहीं यूपी में 8.1 फीसदी आबादी के साथ यूपी दूसरा युवा राज्य है। वहीं केरल की कुल आबादी में 16.5 फीसदी लोग बुजुर्ग हैं। इस कारण केरल सबसे बुजुर्ग राज्यों में से एक है।