प्रयागराज के उमेश पाल मर्डर केस में एक बड़ा खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच के मुताबिक उमेश पाल की हत्या ज़मीन विवाद की वजह से हुई थी। ज़मीन पर कब्ज़े की लड़ाई में उमेश का मर्डर हो गया। प्रयागराज के झलवा इलाके की एक ज़मीन को लेकर अतीक ने उमेश पाल से 1 करोड़ रंगदारी मांगी थी। अतीक के भाई अशरफ ने भी एक प्लॉट पर मकान बनाने के बदले 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। रंगदारी मांगने पर उमेश पाल ने अतीक और अशरफ के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करवाई थी और इसी वजह से मर्डर हो गया।
अतीक के भाई के खिलाफ भी दर्ज कराई थी FIR
उमेश पाल की तरफ से ये शिकायत दर्ज करवाई गई थी कि अतीक और उसका भाई अशरफ रंगदारी मांग रहे हैं। जमीन के पास जाने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। ये केस धूमनगंज और पूरा मुफ्ती थाने में दर्ज कराया गया था। इसी केस के रिएक्शन में उमेश पाल का मर्डर हो गया। उमेश पाल ने जहां अतीक अहमद और उसके गुर्गों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, वहीं मृतक दोस्त ने बरेली जेल में बंद बाहुबली के भाई अशरफ के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
अतीक अहमद ने मांगी थी 1 करोड़ रंगदारी
वहीं प्रयागराज विकास प्राधिकरण पिछले हफ्ते दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या के बाद से ही विध्वंस की कार्रवाई जोरों पर चला रही है। बता दें कि उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था। प्रयागराज के धूमनगंज थाने में कृष्ण कुमार पाल नाम से 24 अगस्त 2022 को शिकायत दर्ज कराई गई थी। दस्तावेजों में उमेश पाल का नाम कृष्ण कुमार पाल है। यानी ये FIR उमेश पाल ने दर्ज कराई थी। इसमें अतीक अहमद को आरोपी नंबर 6 बनाया गया था। FIR के मुताबिक अतीक के गैंग ने अतीक अहमद का नाम लेकर धमकी दी और कहा कि 1 करोड़ दो वरना अपनी ज़मीन भूल जाओ। आरोपों के मुताबिक 1 करोड़ नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
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