Highlights
- बीजेपी सांसद ने संसद में उठाई बैन की मांग
- सांसद मीणा ने सदन में नियम 377 के तहत यह विषय उठाया
- उदयपुर हत्याकांड का मकसद सांप्रदायिक हिंसा भड़काना था: सांसद मीणा
Udaipur News: उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद ‘दावत-ए-इस्लामी’ को प्रतिबंधित करने की मांग उठ रही है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद अर्जुन लाल मीणा ने उदयपुर में कुछ दिन पहले एक दर्जी की निर्मम हत्या का विषय आज गुरुवार को लोकसभा में उठाया। साथ ही केंद्र सरकार से आग्रह किया कि ‘दावत-ए-इस्लामी’ नामक संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाए जिसके तार इस घटना से जुड़े होने की बात सामने आई है।
उदयपुर से लोकसभा सदस्य मीणा ने सदन में नियम 377 के तहत यह विषय उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या की घटना का मकसद सांप्रदायिक हिंसा भड़काना था। उन्होंने कहा, ‘जांच में पता चला है कि बाहर का संगठन इस घटना से जुड़ा है। सरकार से मांग करता हूं कि ‘दावत-ए-इस्लामी’ संगठन को प्रतिबंधित किया जाए।’ मीणा ने यह भी कहा कि कन्हैयालाल की हत्या के जिम्मेदार लोगों को जल्द फांसी की सजा दी जाए।
गौरतलब है कि उदयपुर हत्याकांड की जांच राजस्थान से निकलकर उत्तर प्रदेश भी पहुंची। यहां पीलीभीत में दावत-ए-इस्लामी के ठिकानों की तेजी से तहकीकात की गई। इस दौरान पिछले दिनों जांच में इस बात का पता चला है कि पीलीभीत में 1400 जगहों पर दावत-ए-इस्लामी के गुल्लक रखे गए हैं। इन गुल्लक के जरिए फंड जमा किया जाता था। गुल्लक की जांच के साथ-साथ दावत-ए-इस्लामी के स्कूलों पर भी एक्शन हुआ है।
बिना मान्यता के स्कूल चलाने का आरोप
उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने दावत-ए-इस्लामी को नोटिस भेज कर 2 दिनों के भीतर स्कूल बंद करने का आदेश दिया था। आरोप लगाया गया कि दावत-ए-इस्लामी बिना मान्यता के स्कूल चला रहा है। कन्हैयालाल हत्याकांड केस में पुलिस दावत-ए-इस्लामी की भूमिका की जांच में जुटी रही है। यह तहकीकात इसलिए हो रही है क्योंकि हत्याकांड के एक आरोपी रियाज का संबंध दावत-ए-इस्लामी से रहा है।