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समान नागरिक संहिता के आधार पर उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में बाल विकास अधिकारी ने चार नाबालिग लड़कियों की शादी रोकी है। रुद्रप्रयाग जिले की जखोली तहसील के उछोला गांव की चार नाबालिग लड़कियों की शादी शुक्रवार को बाल विकास विभाग के त्वरित हस्तक्षेप से रोक दी गई। 15-17 साल की चार लड़कियों की शादी अगले महीने होने वाली थी। उत्तराखंड में कुछ दिन पहले ही लागू हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल तय की गई है।
बाल विकास विभाग को नाबालिग लड़कियों की शादी के संबंध में चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत मिली थी। बाल विकास विभाग की एक टीम उस गांव में पहुंची जहां लड़कियों के परिवार रहते थे और उन्हें शादी रोकने के लिए परामर्श दिया।
शादी न करने पर सहमत हुए परिजन
रुद्रप्रयाग के बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया "हमें सूचना मिली कि इस क्षेत्र के उछोला गांव के तीन परिवारों की नाबालिग लड़कियों की शादी अगले माह होने वाली है। हमारी टीम उछोला गांव पहुंची, जहां तीनों परिवारों के परिजनों की काउंसलिंग की गई। उन्हें बाल विवाह के दुष्परिणामों और कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया गया, जिसके बाद परिजनों ने वयस्क होने तक उनकी शादी न करने पर सहमति जताई।"
कुछ दिन पहले भी मिली थी शिकायत
टीम का नेतृत्व कर रही बाल विकास विभाग की जिला समन्वयक दीपिका ने बताया कि पिछले कुछ समय से जखोली विकासखंड में नाबालिग लड़कियों की शादी के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। चाइल्ड हेल्पलाइन रुद्रप्रयाग को कुछ दिन पहले एक शिकायत मिली थी, जिसमें जखोली विकासखंड के घंघासू बांगर क्षेत्र के बक्सीर, डांगी, खोड़, भुनालगांव, उछोला और मथियागांव में नाबालिग लड़कियों की शादी परिजनों द्वारा किए जाने की जानकारी मिली थी। इस संवेदनशील मुद्दे पर जिला प्रशासन और जिला कार्यक्रम अधिकारी ने संबंधित क्षेत्र के विद्यालय से संपर्क कर लड़कियों का ब्योरा लिया उन्होंने बताया कि इस आधार पर हमारी टीम शुक्रवार को उछोला गांव पहुंची, जहां 15-17 साल की चार नाबालिग लड़कियों की शादी अगले महीने होने वाली थी, जिसे रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि जिन लड़कियों की शादी होनी थी, उनमें 15 और 17 साल की दो लड़कियां एक ही परिवार से थीं। (इनपुट- पीटीआई)