Highlights
- दो मुस्लिम महिलाओं ने की मां दुर्गा की मूर्तियों में तोड़फोड़
- पुलिस ने किया गिरफ्तार
- मंदिर में भी प्रवेश करना चाहती थीं महिलाएं
आज नवरात्र का दूसरा दिन है ऐसे में जब ये खबर मिलती है कि किसी ने मां दुर्गा की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की है तो जाहिर सी बात है भक्तों का मन आहत होगा। ऊपर से बुर्का पहनी महिलाओं ने तोड़फोड़ की तो इससे सामप्रदायिक सौहार्द भी बिगड़ता है। हालांकि, मामला इतना सीधा है नहीं, जितना दिख रहा है। पुलिस के मुताबिक मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ करने वाली दोनों महिलाएं मानसिक रूप से बीमार हैं। दरअसल, मानसिक रूप से बीमार दो महिलाओं को पुलिस ने मंगलवार को हैदराबाद में देवी दुर्गा की मूर्ति और मदर मैरी की प्रतिमा में तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
मंदिर में भी प्रवेश करना चाहती थीं महिलाएं
पहली घटना खैरताबाद इलाके के एक पंडाल में हुई। जहां बुर्का पहने महिलाओं में से एक महिला ने स्पैनर से मां दुर्गा की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। जब एक युवक ने उसे रोकने की कोशिश की तो उस पर भी हमला कर दिया गया। दोनों महिलाएं बहनें हैं। ये महिलाएं बाद में एक चर्च में गईं और वहां मदर मैरी की मूर्ति के हिस्से में भी तोड़फोड़ की। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि महिलाओं ने उसके बाद एक मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन उन्हें रोक दिया गया।
मानसिक रूप से बीमार हैं महिलाएं
पुलिस उपायुक्त राजेश चंद्र ने इस मामले में कहा कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से महिलाओं का पता लगाया गया, लेकिन वे अजीब व्यवहार करती पाई गईं। उन्होंने कहा कि वे उनके सवालों का जवाब नहीं दे रही थीं और अपना नाम भी नहीं बता रही थीं। डीसीपी की प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद महिला के भाई असीमुद्दीन ने कहा कि वे सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हैं। जबकि उनका एक भाई भी पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है।
पुलिस ने महिलाओं को जांच के लिए भेजा
दोनों महिलाएं अपने बूढ़े माता-पिता के साथ रहती हैं। वे 2018 में जेद्दा से लौटने के बाद से इस बीमारी से पीड़ित हैं और उनका इलाज चल रहा है। असीमुद्दीन ने कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया होता। उन्होंने कहा, जो हुआ उसके लिए मुझे खेद है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 295, 295-ए, 451, 504 आर/डब्ल्यू 34 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने दोनों महिलाओं को जांच के लिए अस्पताल भेज दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि प्राथमिकी और दो महिलाओं के साथ डॉक्टरों की रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी। इस बीच घटना में शामिल महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कुछ लोगों ने सैफाबाद थाने में धरना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना पर सरकार की ओर से कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।