Highlights
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का RSS पर बड़ा हमला
- "देश के विभाजन के लिए सावरकर और जिन्ना जिम्मेदार हैं"
- "ये लोग अभी भी अंग्रेजों की आलोचना नहीं करते"
पूरा देश इस वक्त आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। लेकिन इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने RSS और बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि देश के विभाजन के लिए गांधी या नेहरू नहीं बल्कि सावरकर और मोहम्मद अली जिन्ना हैं। छ्तीसगढ़ में 9 अगस्त से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो पद यात्रा का समापन रविवार 14 अगस्त को दुर्ग जिले के पाटन में हुआ। इस मौके पर एक सभा में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में ये बात कही।
"ये अभी भी अंग्रेजों की आलोचना नहीं करते"
कांग्रेस की भारत जोड़ो पद यात्रा के समापन के मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने देश की आजादी के लिए शहादत देने वाले वीर सपूतों को याद किया। इस दौरान कांग्रेस के सभी बड़े नेता और मंत्री मौजूद रहे। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि टू नेशन थ्योरी का प्रस्ताव सावरकर ने दिया था और इसे मोहम्मद अली जिन्ना ने समर्थन दिया था। बघेल ने आगे कहा कि ये लोग विभाजनकारी हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में उनकी क्या भूमिका थी? सीएम बघेल ने कहा कि आरएसएस का गठन 1925 में हुआ था। ये लोग अभी भी अंग्रेजों की आलोचना नहीं करते, बल्कि वे गांधी की आलोचना करते हैं।
"बंटवारे के लिए गांधी-नेहरू जिम्मेदार नहीं"
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने इस आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन देश का बंटवारा हुआ था। विभाजन के लिए बहुत से लोग महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को दोषी मानते हैं। बघेल ने कहा, "मैं कहता हूं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन (RSS) 1925 में बना था। उस समय ये लोग क्या कर रहे थे। जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया गया। सभी पहली पंक्ति के नेताओं को जेल में ठूंस दिया गया था। उस समय यही RSS के लोग श्यामा प्रसाद मुखर्जी से लेकर गोलवलकर तक यह सलाह दे रहे थे कि देश की आजादी की इस मुहिम को कैसे कुचला जाए।"
छत्तीसगढ़ के सीएम और कांग्रेस के नेता बघेल यहीं तक नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, "ये लोग अंग्रेजों की मुखबिरी करने का काम करते थे। आज यदि देश का बंटवारा हुआ है तो इसके लिए सही मायने में सावरकर जिम्मेदार है। 1925 में सावरकर ने हिंदू महासभा में बोलते हुए कहा कि इस देश के दो राष्ट्र बनने चाहिए। यही भाषा मोहम्मद अली जिन्ना बोल रहे थे। इसलिए देश के बंटवारे के लिए गांधी जी जिम्मेदार नहीं, सावरकर और मोहम्मद अली जिन्ना जिम्मेदार हैं।"