Highlights
- मुठभेड़ में मारा गया आतंकी आईईडी बनाने में माहिर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का कमांडर यासिर पर्रे है।
- सेना ने आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के बाद मंगलवार रात 11 बजे अभियान शुरू किया था।
- तड़के तीन बजे आतंकवादियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई क्योंकि वे ऊपरी मंजिल और छत के बीच बने मचान में छिपे थे।
श्रीनगर: सेना ने बुधवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में हुई मुठभेड़ में आईईडी बनाने में माहिर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादी कमांडर यासिर पर्रे और एक विदेशी आतंकी ढेर कर बड़ी सफलता हासिल की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सेना ने पर्रे के गृह ग्राम कसबयार में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में पुलिस से सूचना मिलने के बाद मंगलवार रात 11 बजे इलाके में अभियान शुरू किया था। अधिकारियों ने कहा कि 44 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल एके सिंह ने अभियान का नेतृत्व किया और सुनिश्चित किया कि सुरक्षा कर्मियों को कोई नुकसान न हो।
उन्होंने बताया कि तड़के तीन बजे दो आतंकवादियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई क्योंकि वे ऊपरी मंजिल और छत के बीच बने मचान में छिपे थे। जून, 2019 में अरिहाल-पुलवामा मार्ग से गुजर रहे 44 राष्ट्रीय राइफल्स के बहु-वाहन गश्ती दल पर आईईडी विस्फोट के पीछे 'ए' श्रेणी के ईनामी आतंकवादी पर्रे का हाथ था। इस घटना में दो जवान शहीद हो गए थे और 17 घायल हो गए थे।
साल 2019 में घटना के बाद भावुक हुए कर्नल सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, ''तुम (आतंकवादी) चाहे कहीं भी छिप जाओ, हम तुम्हें ढूंढ लेंगे, तुम्हारा खात्मा कर देंगे क्योंकि हम कभी नहीं भूलते, कभी माफ नहीं करते।'' अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को पूरे अभियान की निगरानी करते हुए कर्नल सिंह ने पर्रे के पिता को उसके आत्मसमर्पण लिए बुलाया, लेकिन फुरकान नामक विदेशी आतंकवादी ने भारी गोलीबारी की, जिसके चलते बात नहीं बन सकी।
पर्रे ने दक्षिण कश्मीर में जैश आतंकी समूह के विभिन्न समूहों का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 2018 के अंत में उसके शामिल होने के बाद यह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह पैर पसारने लगा। अधिकारियों ने कहा कि बुधवार सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर अभियान खत्म होने के बाद इलाके से दो एके सीरीज राइफल, 12 ग्रेनेड सहित दो यूजीबीएल, कई एके मैग्जीन और कारतूस बरामद हुए।