केरल के वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन में बिछड़े दो दोस्त मुजीब और जयेश करीब एक हफ्ते बाद मंगलवार को फिर से एक-दूसरे से मिले। भूस्खलन की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए। दोनों व्यक्तियों को एक-दूसरे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब वे मिले तो एक भावनात्मक पल था तथा उन्होंने एक-दूसरे को कसकर गले लगाते हुए अपनी दोस्ती को याद किया।
दोनों को नहीं थी एक-दूसरे के जीवित होने की जानकारी
मुजीब ने एक मलयालम समाचार चैनल से कहा, “हम पड़ोसी हैं। हम 8 दिनों के बाद एक-दूसरे से मिल रहे हैं। मुझे नहीं पता था कि वह जीवित है और उसे भी नहीं पता था कि मैं जीवित हूं या नहीं।” आपदा के कारण अलग हुए दोनों व्यक्तियों ने अचानक से फिर से मिलने के बाद ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त किया। जयेश ने कहा, “हम प्रार्थना करते हैं कि हमारे सभी पड़ोसी हमारी आंखों के सामने आएं, जैसे कि आज हम मिले। हम सभी को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं।”
उन्होंने अपने पड़ोसियों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “पलक झपकते ही हमारे पड़ोसी चले गए।” जयेश ने अपने गांवों में मौजूद एकता के मजबूत बंधन पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यहां 200 से अधिक परिवार थे। हिंदू, मुस्लिम...धर्म हमारे बीच कभी बाधा नहीं बना।”
लापता लोगों की तलाश जारी
केरल में 30 जुलाई को हुए विनाशकारी भूस्खलन से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 226 हो गई। प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान अब भी जारी है। रक्षा बलों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और स्वयंसेवकों के कर्मियों वाली 1,000 से अधिक सदस्यीय बचाव टीम ने बुधवार सुबह चार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों चूरलमाला, वेल्लारीमाला, मुंडक्कई और पुंचिरिमाडोम में तलाशी अभियान शुरू किया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि जब तक रक्षा बल कोई फैसला नहीं ले लेते, तलाशी अभियान जारी रहेगा। वर्तमान में सर्च अभियान अब उन क्षेत्रों में चल रहा है जहां लोग रहते थे और 30 जुलाई को सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा आने के बाद फंसे हुए थे।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को बताया था कि वायनाड जिले के चार गांवों में हुई त्रासदी के बाद मलप्पुरम जिले में स्थित नीलांबुर और उसके आसपास के इलाकों में चलियार नदी से 76 शव और शरीर के कई अंग बरामद किए गए हैं।