Tuesday, November 19, 2024
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VRS या ट्रांसफर, तिरुपति मंदिर में गैर हिंदू कर्मचारियों को निर्देश, कितनी है इनकी संख्या?

VRS या ट्रांसफर, तिरुपति मंदिर बोर्ड में काम करने वाले गैर हिंदू कर्मचारियों को इन दोनों में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा। इसे लेकर TTD ने प्रस्ताव पारित कर दिया है।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Updated on: November 19, 2024 8:50 IST
TIRUPATI balaji temple- India TV Hindi
Image Source : PTI तिरुपति बालाजी मंदिर।

आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ बड़ी खबर सामने आई है। यहां नवगठित तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (TTD) ने मंदिर में कार्यरत गैर-हिंदू कर्मचारियों के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव के तहत मंदिर बोर्ड में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने या आंध्र प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में ट्रांसफर लेने में किसी एक विकल्प को चुनना होगा। बता दें कि तिरुपति मंदिर बीते कई महीनों से चर्चा में बना हुआ है। कुछ ही समय पहले मंदिर के पवित्र प्रसाद में मिलावट की खबर को लेकर काफी बवाल हुआ था।

TTD के अधिनियम में तीन बार संशोधन

आपको बता दें कि TTD एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट है। यह दुनिया के सबसे अमीर हिंदू मंदिर तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है। TOI के मुताबिक, बीते कुछ समय में TTD के अधिनियम में तीन बार संशोधन हो चुका है। इसका मकसद ये निर्धारित करना था कि मंदिर बोर्ड और उसके संबद्ध संस्थानों द्वारा केवल हिंदुओं को नियोजित किया जाए। साल 1989 में आए एक आदेश में ये भी कहा गया था कि टीटीडी-प्रशासित पदों पर नियुक्तियां हिंदुओं तक ही सीमित रहेंगी। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, गैर-हिंदुओं ने संगठन के भीतर काम करना जारी रखा है। जून 2024 में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश में नई सरकार बनी थी। इसके बाद कथित तौर पर हिंदू कर्मचारियों द्वारा अपने सहयोगियों को अन्य धर्मों से पहचानने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं।

कितनी है गैर-हिंदू कर्मचारियों की संख्या?

TOI के मुताबिक, तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (TTD) के नए अध्यक्ष बीआर नायडू ने इस फैसले की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने मंदिर बोर्ड में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों की सही संख्या बताने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, TTD के नए फैसले से बोर्ड के 7,000 स्थायी कर्मचारियों में से लगभग 300 कर्मचारी प्रभावित होंगे। बता दें कि TTD में 14,000 संविदा कर्मचारी भी काम करते हैं।

संवैधानिक है ये फैसला?

TTD का ये फैसला संविधान के अनुच्छेद 16(5) पर आधारित है। ये अनुच्छेद धार्मिक प्रकृति के संस्थानों को अपने धर्म के सदस्यों को नियोजित करने का अधिकार देता है। आंध्र प्रदेश धर्मार्थ और हिंदू धार्मिक संस्थानों और बंदोबस्ती अधीनस्थ सेवा नियमों के नियम 3 में भी कहा गया है कि धार्मिक संस्थानों के कर्मचारियों को हिंदू धर्म को स्वीकार करना होगा। नवंबर 2023 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने भी कहा था कि ट्रस्ट बोर्डों को सेवा शर्तों को अनिवार्य करने का अधिकार है।

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