Saturday, November 02, 2024
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बस कुछ देर का और इंतजार... सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर खुले आसमान में लेंगे सांस; पढ़िए अब तक क्या-क्या हुआ?

सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के लिए पिछले 48 घंटे से हालात लगातार बदल रहे हैं लेकिन उम्मीद की किरण इसलिए भी जगमग है क्योंकि सुंरग के अंदर फंसे मजदूर सही सलामत हैं, उनसे बात हो रही है। गुरुवार को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों का हौसला बढ़ा रहे गब्बर सिंह से बात की और भरोसा दिलाया कि पूरा देश उनके साथ ह

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: November 24, 2023 14:33 IST
uttarkashi tunnel- India TV Hindi
Image Source : PTI उत्तरकाशी की सुरंग में बचाव कार्य अपने अंतिम चरण में है।

उत्तरकाशी की सिलक्यारा में टनल में फंसे  41 मज़दूरों के आज बाहर निकलने की संभावना है। पिछले तीन दिनों से हर रोज सूरज का उजाला यही उम्मीद लेकर आ रहा है। सबकी निगाहें टनल पर लगी हैं, सारे इंतजाम कर लिए गए हैं। मलबे में 50 मीटर तक पाइप डाला जा चुका है जबकि करीब 10 मीटर पाइप डाला जाना बाकी है। 23 नंवबर को केवल तीन मीटर पाइप ही अंदर डाला जा सका। अब केवल 10 मीटर की ड्रिलिंग बाकी रह गई है लेकिन चैलेंज ये है कि कल शाम से रेस्क्यू ऑपरेशन पर रोक लग गई है। ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया था। ऑगर मशीन में खराबी के बाद रेस्क्यू रोकना पड़ा है। पूरी रात मशीन को ठीक करने का काम चलता रहा। वो प्लेटफार्म भी अपनी जगह से हट गया है जिसके ऊपर मशीन को माउंट किया जाता है। पूरी रात रिपेयरिंग चलती रही अब तक टनल के अंदर 50 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है।

खुद पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे मौके पर डटे हैं। उन्होंने कहा, ''मशीन के प्लेटफार्म को ठीक कर लिया गया है, साथ ही उसे मजबूत भी किया गया है। ‘ऑगर’ मशीन के जरिए मलबे के बीच से पाइप डालने का काम 11.30 बजे शुरू होने की उम्मीद है। हमें अभी 12-14 मीटर और जाना है। मुझे उम्मीद है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो शुक्रवार शाम तक अभियान समाप्त हो सकता है।''

10 मीटर की ड्रिलिंग बाकी...आज खुशखबरी आएगी!

उम्मीद जताई जा रही है कि मशीन ठीक होने के बाद दोबारा काम शुरू किया जाएगा। आज दोपहर तक टनल में फंसे लोगों को बाहर निकाला जा सकता है। टनल में एक टीम जहां ड्रिलिंग के काम में लगी है वहीं रेस्क्यू के काम में लगे लोगों की सेफ्टी के लिए ड्रोन सेंसर रेडार का इस्तेमाल किया जा रहा है। हिंदुस्तान में पहली बार टनल के अंदर ड्रोन सेंसर रेडार का इस्तेमाल हो रहा है। बेंगलोर से एक्सपर्टस की टीम इस ड्रोन को लेकर टनल के अंदर गई है।

रेस्क्यू में लगाई वर्ल्ड क्लास मशीनें

पिछले 48 घंटे से हालात लगातार बदल रहे हैं..पहले लगा था कि मलबे में पाइप आसानी से डाले जा सकते हैं लेकिन 22 नवंबर की रात को लोहे के सरिए ने काम रोका तब तक 13 मीटर ही पाइप डाला जाना बाकी रह गया था। ऐसा लगा कि 23 नवंबर को ये बाधा भी पार हो जाएगी। 23 नवंबर को और बड़ी दिक्कत आई और केवल तीन मीटर ही ड्रिलिंग हो सकी। अब आज 10 मीटर का चैलेंज बाकी है। एक्सपर्ट बता रहे हैं कि ये उतना आसान नहीं है। रेस्क्यू में केन्द्र से लेकर राज्य सरकार ने जान झोंक रखी है। दुनिया में जहां भी टनलिंग के एक्सपर्ट हैं, सबको ऑपरेशन में शामिल किया जा रहा है। उत्तरकाशी के इस रेस्क्यू में वर्ल्ड क्लास मशीनें लगाई गई हैं। खुद पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे मौके पर डटे हैं।

ndrf jawan

Image Source : PTI
बचाव ऑपरेशन में लगे NDRF के जवान

उत्तरकाशी में 'ऑपरेशन जिंदगी'  

  1. 12 नवंबर - 41 मजदूर सुरंग में फंसे
  2. 13 नवंबर - मलबा रोकने को कंक्रीट लगाया
  3. 14 नवंबर - छोटी मशीन से ड्रिलिंग शुरू हुई
  4. 15-16 नवंबर - ऑगर मशीन मंगवाई गई
  5. 17 नवंबर - ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू हुई
  6. 18 नवंबर - इंदौर से और ऑगर मशीन आई
  7. 19 नवंबर - NDRF, SDRF, BRO ने मोर्चा संभाला
  8. 20 नवंबर - विदेश से टनलिंग एक्सपर्ट आए
  9. 21 नवंबर - मजदूरों तक पहली बार पूरी डाइट पहुंची
  10. 22 नवंबर - वर्टिकल ड्रिलिंग में कामयाबी मिली
  11. 23 नवंबर - रेस्क्यू टीम मजदूरों के काफी करीब पहुंची
  12. 24 नवंबर - बाहर निकल सकते हैं 41 मजदूर

CM धामी ने की मजदूरों से बात

उम्मीद की किरण इसलिए भी जगमग है क्योंकि सुंरग के अंदर फंसे मज़दूर सही सलामत हैं, उनसे बात हो रही है। गुरुवार को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों का हौसला बढ़ा रहे गब्बर सिंह से बात की और भरोसा दिलाया कि पूरा देश उनके साथ है। पिछले 12 दिनों से जो इंतजार हो रहा है, आज तेरहवें दिन उसके पूरा होने की उम्मीद है। सिलक्यारा टनल के बाहर बने मंदिर में प्रार्थना का दौर भी लगातार जारी है और यही कामना की जा रहा है कि कोई भी बाधा हो वो जल्द से जल्द दूर हो जाए। 

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