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Assam Meghalaya Sign Agreement: दिल्ली में टीएमसी सांसदों का विरोध प्रदर्शन, असम-मेघालय सीमा समझौते को रद्द करने की मांग

Assam Meghalaya Sign Agreement: असम की मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और पश्चिम बंगाल के साथ 2,743 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। उसका नगालैंड, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद है।

Reported By : PTI Edited By : Akash Mishra Published : Jul 26, 2022 16:50 IST, Updated : Jul 26, 2022 16:50 IST
TMC Flag(File Photo)
Image Source : PTI TMC Flag(File Photo)

Highlights

  • टीएमसी के सांसद हाथों में तख्तियां लेकर किया विरोध प्रदर्शन
  • "असम-मेघालय सीमा के मुद्दे पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत"
  • "गारो और खासी भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की"

Assam Meghalaya Sign Agreement: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने असम-मेघालय सीमा समझौते को रद्द करने की मांग की। उन्होंने इसको लेकर मंगलवार को दिल्ली में विजय चौक पर विरोध प्रदर्शन किया। दोनों राज्यों ने मार्च में 884.9 किलोमीटर सीमा पर 12 विवादित स्थानों में से छह में अपने पांच दशक पुराने सीमा विवाद को खत्म करने का फैसला किया था। सीमा विवाद को लेकर ज्यादातर उनके बीच तनाव होता था। 

टीएमसी नेता मुकुल संगमा ने कहा, "हम राज्य के लोगों की भावनाओं का संज्ञान लेने और असम-मेघालय सीमा समझौते को रद्द करने के लिए भारत सरकार का ध्यान अट्रैक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।" 

असम-मेघालय सीमा के मुद्दे पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत

असम की मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और पश्चिम बंगाल के साथ 2,743 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। उसका नगालैंड, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद है। पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, "असम-मेघालय सीमा का मुद्दा, जो लंबे समय से लंबित है, वर्तमान सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। वर्तमान में जो समझौता है वो मेघालय के लोगों की भावनाओं के मुताबिक नहीं है। इसलिए इसे निरस्त किया जाना चाहिए।" 

सरकार से तुरंत कार्रवाई करने का किया अनुरोध

पार्टी ने सरकार से तुरंत कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए मेघालय-असम सीमा विवाद समझौते को रद्द करने की मांग की। इसके साथ ही गारो और खासी भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की। टीएमसी के सांसद हाथों में तख्तियां लिए हुए थे और उन्होंने समझौते को रद्द करने की मांग को लेकर नारे लगाए।

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