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IGP स्तर पर जांच, प्रबंधन समिति में सख्ती और सभी मंदिरों के लिए SOP, तिरुपति प्रसाद में मिलावट के बाद आंध्र सरकार के 3 बड़े फैसले

अब मंदिर की प्रबंधन समिति में सिर्फ वही लोग रहेंगे, जिनकी भगवान के प्रति आस्था होगी। इसके अलावा सभी मंदिरों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई जाएगी, जिसका पालन सभी मंदिरों के लिए अनिवार्य होगा।

Edited By: Shakti Singh
Published on: September 22, 2024 23:36 IST
pawan kalyan chandrababu naidu- India TV Hindi
Image Source : PTI पवन कल्याण और चंद्रबाबू नायडू

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट की बात सामने आने के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने तीन बड़े फैसले किए हैं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि परंपराओं के अनुसार मंदिर का शुद्धीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे मामले की आईजीपी स्तर पर जांच के आदेश दिए गए हैं। अब मंदिर की प्रबंधन समिति में सिर्फ वही लोग रहेंगे, जिनकी भगवान के प्रति आस्था होगी। इसके अलावा सभी मंदिरों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई जाएगी, जिसका पालन सभी मंदिरों के लिए अनिवार्य होगा।

जगन मोहन रेड्डी के बयान पर पलटवार करते हुए एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, "वह (जगन मोहन रेड्डी) क्या बकवास कर रहे हैं। हमारी सरकार को अभी 100 दिन भी नहीं हुए हैं। आप नीतियां बताएं, मेरी नीतियों की आलोचना करें और मैं जवाब दूंगा कि आपने क्या किया है, मैंने क्या किया है। लेकिन, आप ध्यान भटकाना चाहते थे, अगर आप ऐसा करेंगे तो और भी ज्यादा भावनाएं आहत होंगी। मैं तीन दृष्टिकोण अपना रहा हूं, पहला - परंपराओं के अनुसार शुद्धिकरण। मैं IGP स्तर पर जांच का आदेश दे रहा हूं। प्रबंधन समिति में केवल वे ही लोग होंगे जिनकी आस्था है। अंत में, हम सभी मंदिरों के लिए SOP तैयार करेंगे।"

रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू पर साधा था निशाना

जगन मोहन रेड्डी ने कहा था कि चंद्रबाबू नायडू की सरकार शुरुआती 100 दिनों में कुछ भी नहीं कर पाई है और अपने वादे पूरे करने में नाकाम रही है। इसी वजह से असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए और अपनी नाकामी छिपाने के लिए वह मंदिर के प्रसाद में मिलावट की बात कह रहे हैं। जगन मोहन रेड्डी ने पीएम मोदी को खत लिखकर कहा था चंद्रबाबू नायडू झूठ बोल रहे हैं और राजनीतिक फायदे के लिए हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं। रेड्डी ने मांग की थी कि झूठ फैलाने के उनके बेशर्म कृत्य के लिए नायडू को कड़ी से कड़ी फटकार लगाई जाए और सच्चाई को सामने लाया जाए। इससे नायडू द्वारा करोड़ों हिंदू भक्तों के मन में पैदा किए गए संदेह दूर होंगे और टीटीडी की पवित्रता में विश्वास बहाल होगा।

एसआईटी करेगी घी में मिलावट के आरोपों की जांच

चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार पर रविवार को निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य की पिछली सरकार के दौरान तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा घी खरीदने की कई प्रक्रियाओं में बदलाव किया गया था। नायडू ने कहा कि इसके चलते उन्होंने अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का फैसला किया है। नायडू ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार के दौरान टीटीडी बोर्ड में नियुक्तियां ‘‘जुआ’’ की तरह हो गई थीं और ऐसे लोगों को नियुक्त करने के उदाहरण हैं, जिनकी कोई आस्था नहीं थी और बोर्ड में गैर-हिंदुओं को वरीयता दी गई।

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