Friday, November 22, 2024
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'मंगल पांडे और चर्बी वाले कारतूस...', तिरूपति लड्डू विवाद पर ये क्या बोल गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद? कर दी ये मांग-VIDEO

तिरुपति बालाजी के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाए जाने के मामले पर धार्मिक गुरुओं के तरह-तरह के बयान सामने आ रहे हैं। वहीं, अब इस मामले पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंगल पांडे और चर्बी वाले कारतूस से इसकी तुलना की है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: September 24, 2024 19:58 IST
तिरूपति लड्डू मामले पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO तिरूपति लड्डू मामले पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान

उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद को हिंदू भावनाओं पर हमला करार दिया। शंकराचार्य ने इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। शंकराचार्य अपनी राष्ट्रव्यापी 'गौ रक्षा यात्रा' को  लेकर मंगलवार को पटना में थे। 

हिंदू समुदाय के साथ विश्वासघात

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, 'यह घटना हिंदू भावनाओं पर हमला है। यह करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर हमला है। यह संगठित अपराध का हिस्सा है। यह हिंदू समुदाय के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। इसकी गहन जांच होनी चाहिए। इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।' 

मंगल पांडे ने पैदा कर दी थी देश में क्रांति

इसके साथ ही अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, 'इसे विवाद कहना उचित नहीं है। यह उससे कहीं ज्यादा है। 1857 के विद्रोह के दौरान एक मंगल पांडे ने चर्बी वाले कारतूस मुंह से खोलने से इनकार कर दिया था, इसने देश में क्रांति पैदा कर दी थी। लेकिन आज इसे करोड़ों भारतीयों के मुंह में डाल दिया गया। यह कोई छोटी बात नहीं है। मामले की जांच में देरी नहीं होनी चाहिए। हम हिंदू इस घटना को भूल नहीं सकते हैं।'

गोहत्या पर लगे प्रतिबंध- शंकराचार्य

देश में गोहत्या पर चिंता जताते हुए शंकराचार्य ने इसे रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि देशभर में गोहत्या पर प्रतिबंध लगे। इसे रोकने के लिए सख्त कानून बने। यह काफी परेशान करने वाली बात है कि देश में गोमांस का निर्यात दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।' 

नेता लोग हिंदुओं के बारे में नहीं सोच सकते

सरस्वती ने कहा कि इस मामले में उन्हें राजनेताओं से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे हिंदुओं की बेहतरी के बारे में नहीं सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी राजनेता जब राजनीतिक व्यवस्था का हिस्सा बनते हैं तो धर्मनिरपेक्ष बने रहने की शपथ लेते हैं। हमने देश में गोहत्या को रोकने के लिए सभी हिंदुओं को संगठित करने का फैसला किया है।

जाति आधारित जनगणना में कुछ गलत नहीं

देश में जाति आधारित जनगणना कराने की विपक्षी दलों की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। जाति आधारित जनगणना अवश्य होनी चाहिए, ताकि सरकार समाज के सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की बेहतरी के लिए कदम उठा सके। 

वक्फ बोर्ड मामले पर क्या बोले शंकराचार्य?

वक्फ अधिनियम में संशोधन के केंद्र के कदम पर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ऐसी संपत्तियां मानवता के कल्याण के लिए होती हैं। हम उनसे (वक्फ संपत्तियों के संरक्षकों से) अनुरोध करते हैं कि वे हमें वक्फ की जमीन मुहैया कराएं। हम उन्हें गौ-चारण के मैदान में बदल देंगे। यह मानवता की एक बड़ी सेवा होगी।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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