कर्नाटक: सीएम-डिप्टी सीएम के बाद अब कर्नाटक में नई कैबिनेट बन गई है और 27 मंत्रियों ने शपथ ले ली है। वहीं मंत्री पद से वंचित कांग्रेस नेताओं ने अपना विरोध जताया है। नेताओं के विरोध के स्वरों के बीच उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शनिवार को 'निराश' नेताओं से कहा कि उन्हें धैर्य रखना चाहिए और धैर्यपूर्वक लगातार मेहनत करनी चाहिए। डीके शिवकुमार ने कहा, मुझे स्वर्गीय धर्म सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार और सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान कैबिनेट में शामिल होने का अवसर नहीं मिला। लेकिन मैंने अपना धैर्य नहीं खोया। इसी तरह, जिन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया है, उन्हें भी धैर्य रखना चाहिए। शिवकुमार ने सवाल किया, मौका सबको मिल सकता है, उन्हें क्यों नहीं मिलेगा।
लक्ष्मण सावदी को मत्री पद देने का आग्रह
इस बीच, प्रमुख लिंगायत पुजारी गुरु सिद्धराजयोगेंद्र स्वामीजी ने कांग्रेस सरकार से भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले लक्ष्मण सावदी को मंत्री पद देने का आग्रह किया और कहा, अगर लक्ष्मण सावदी को कैबिनेट में शामिल किया जाता है तो इससे पार्टी को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर और लक्ष्मण सावदी कांग्रेस के अनुभवी और अच्छे स्वभाव के राजनेता हैं, उन्हें कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए थी।
लक्ष्मण सावदी के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर सिद्दारमैया को निशाना बनाते हुए संदेश पोस्ट करना शुरू कर दिया है। उनकी पोस्ट में दावा किया गया है, सिद्दारमैया ने कहा कि लक्ष्मण सावदी के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी में नई ताकत आई है। सावदी बेलगावी जिले में कांग्रेस के अधिक सीटें जीतने का कारण हैं। इसके बावजूद, आप उन्हें भूल गए हैं।
नाराज नेताओं ने दिया धरना
बता दें कि वरिष्ठ नेता एम. कृष्णप्पा और उनके बेटे विधायक प्रियकृष्णा के समर्थकों ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने को लेकर राजभवन के सामने धरना दिया। कृष्णप्पा विजयनगर का प्रतिनिधित्व करते हैं तो वहीं प्रियकृष्णा बेंगलुरु में गोविंदराजनगर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भाजपा के पूर्व मंत्री वी. सोमन्ना को हराने वाले चामराजनगर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पुट्टारंगसेट्टी ने विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से इनकार कर दिया है। उन्हें इस बार कैबिनेट में शामिल होने की उम्मीद थी। उन्होंने पार्टी को बता दिया था कि वह विधायक बने रहेंगे। वहीं,वयोवृद्ध कांग्रेस नेता आर.वी. देशपांडे, विधान परिषद में विपक्ष के नेता बी.के. हरिप्रसाद परेशान हैं क्योंकि उन्हें भी मंत्री पद से वंचित कर दिया गया है।
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