Highlights
- सीमा पर छुपे दुश्मनों और घुसपैठ करने वाले आतंकियों का अब सेकेंडों में सफाया
- इस हथियार से चाहकर भी नहीं बच पाएंगे दुश्मन
- सीमा पर छुपे दुश्मनों को 75 किलोमीटर तक ढूंढ़ कर मारेगा गाइडेड राकेट लांचर
Indo-Pak-China Border: पाकिस्तान और चीन से लगे सीमावर्ती और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में दुश्मनों के विनाश के लिए भारत ने स्वदेशी हथियार तैयार किया है। जो कि मिनटों में नहीं, बल्कि सेकेंडों में ही दुश्मन के सभी ठिकानों को आदेश मिलते ही तबाह कर देगा। देश के वैज्ञानिकों ने दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए एक गाइडेड राकेट लांचर बनाया है, जो दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में निर्देशों का पालन करते हुए दुरूह क्षेत्र में छुपे दुश्मन को भी धराशायी कर देगा।
दुनिया में लगातार बढ़ते तीसरे विश्व युद्ध के मद्देनजर भारत अपने सीमाओं को सुरक्षित करने के साथ ही साथ सैन्य क्षमता को लगातार अपग्रेड और मजबूत बनाने में जुटा है। यह प्रयास भी उसी दिशा में उठाया गया अहम कदम है। भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के पीएम मोदी के सपनों को साकार करनें में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहा है। मेड इन इंडिया के तहत अपनी सुरक्षा का हथियार तो बना ही रहा है। साथ ही वह दूसरे देशों को इसे बेचकर आर्थिक आमदनी भी बढ़ा रहा है।
75 किलोमीटर तक मार करेगा गाइडेड रॉकेट लांचर
सामान्य राकेट लांचर दुर्गम और बीहड़ पहाड़ी क्षेत्रों में उतने सफल नहीं हो पाते थे। रास्ते दुरूह होने की वजह से अक्सर सामान्य राकेट लांचर के निशाने चूक जाया करते थे। इसलिए भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों और छुपकर बैठे दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए यह गाइडेड राकेट लांचर तैयार किया है। जोकि मल्टी बैरल भी है। यूपी के कानपुर स्थित एडवांस्ड वेपन इक्विपमेंट्स इंडिया लिमिटेड की इकाई आयुध निर्माणी (ओएफसी) के इंजीनियरों ने इसे बनाने में सफलता पाई है।
44 सेकेंड में एक दर्जन राकेट दागने की क्षमता
यह गाइडेड राकेट लांचर पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर दुश्मनों के लिए कितना विनाशक साबित होने वाला है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह मात्र 44 सेकेंड में 12 राकेट दागने की क्षमता रखता है। मतलब साफ है कि दुश्मनों को संभलने का मौका दिए बिना सेकेंडों में ढेर कर देगा। इससे चीनी और पाकिस्तानी घुसपैठ के साथ ही साथ आतंकी घुसपैठ को भी रोका जा सकेगा।
24 इंजीनियरों ने 388 दिनों तक की बनाने में मेहनत
इसे पिनाक मल्टीबैरल गाइडेड राकेट लांचर सिस्टम नाम दिया गया है। इससे पहले मौजूद पिनाक राकेट दागने वाला मार्क वन इन्हैंस्ड राकेट लांचर सिस्टम की क्षमता सिर्फ 45 किलोमीटर तक थी। यह गाइडेड भी नहीं था। जबकि आधुनिक राकेट लांचर 75 किलोमीटर तक छुपे दुश्मनों के ठिकाने तबाह कर सकने के साथ ही साथ गाइडेड भी है। इससे राकेट की दिशा तय करने में आसानी रहेगी। ऐसे में दुश्मन कहीं भी छुपा हो, लेकिन वह बच नहीं पाएगा। इसे बनाने के लिए कानपुर ओएफसी के 24 इंजीनियरों ने 388 दिन तक कड़ी मेहनत की है।
टैंकों और बारूदी सुरंगों को भी कर देगा बर्बाद
यह गाइडेड राकेट लांचर इतना खतरनाक है कि टैंकों और गुप्त बारूदी सुरंगों को भी ढूंढ़ कर उन्हें सेकेंडों में तबाह कर देगा। इसमें मारक हथियार लगाने की व्यवस्था भी की गई है। इसमें हाई एक्सप्लोसिव फ्रेगमेंटेशन क्लस्टर बम, एंटी टैंक, एंटी पर्सनल और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं।
पलक झपते ही दुश्मन हो जाएंगे खल्लास
ओएफसी के महाप्रबंधक आरके सागर ने बताया कि भारतीय सीमा पर दुश्मनों के सफाये का यह बेहद कारगर हथियार बनेगा। जो कि पलक झपकते ही दुश्मनों को मौत की नींद सुला देगा और उनके सभी ठिकानों को धुआं कर देगा। इससे उन्हें संभलने और पलटवार करने का मौका ही नहीं मिलेगा। इस गाइडेड राकेट लांचर ने सेना को जमीन से जमीन पर मार करने का बहुत ही घातक विकल्प दे दिया है। इस सिस्टम से सेना आसानी से दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकती है।