Monday, November 18, 2024
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अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए चंद्रपुर से आ रही लकड़ियां क्यों हैं खास, जानें वजह

प्रभु श्री राम अपने वनवास के समय में दंडकारण्य के जंगल में आए हुए थे और चंद्रपुर और आसपास के इलाके को दंडकारण्य का जंगल कहा जाता है और उन्होंने अपने वनवास का काफी हिस्सा दंडकारण्य के जंगलों में ही बिताया था।

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Updated on: March 28, 2023 20:11 IST
सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सांकेतिक तस्वीर

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए देश की सबसे अच्छी क्वालिटी की सागवान की लकड़िया महाराष्ट्र के चंद्रपुर से जाने किए पूरी तरह से तैयार हैं। पहली खेप भेजने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। बुधवार को दोपहर तीन बजे पहली खेप 1855 क्यूबिक फीट भेजी जाएगी। सबसे पहले लकड़ियों की पूजा वाल्मीकि समाज से करायी जाएगी। 29 मार्च को चंद्रपुर में महाराष्ट्र सरकार की तरफ भव्य शोभायात्रा निकालने की पूरी तैयारी है। इस शोभायात्रा में देवेंद्र फडणवीस, सुधीर मुनगंटीवार, महाराष्ट्र बीजेपी के कई बड़े नेताओं के साथ साथ उत्तर प्रदेश के भी 3 मंत्री शामिल होने वाले है। साथ ही साथ रामायण धारावाहिक में राम, सीता और लक्ष्मण का रोल निभाने वाले तीनों कलाकार अरुण गोविल, दीपिका चिखालिया और सुनील लाहिरी भी शोभायात्रा में मौजूद रहेंगे।

शोभायात्रा की शोभा महाराष्ट्र के एक हज़ार से ज्यादा लोक कलाकार भी बढ़ाने वाले हैं। इस दौरान कैलाश खेर भी प्रभु श्रीराम के भजन से लोगों का मन मोहेंगे।

क्यों खास है चंद्रपुर की यह लकड़ी?

1. देहरादून कि संस्था एफआरआई ने राम मंदिर ट्रस्ट को बताया कि चंद्रपुर के सागवान की लकड़ी हिंदुस्तान में सबसे बेहतर क्वालिटी की लकड़ी मानी जाती है।

2.  इन लकड़ियों का चुनाव इसलिए किया गया है क्योंकि इसमें किसी भी तरीके की कलाकृति अच्छी तरीके से उकेरी जा सकती है।

3. इन लकड़ियों में करीब 1000 साल तक दीमक नहीं लगता है क्योंकि बताया जाता है कि इन लकड़ियों में आयल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।

4. प्रभु श्री राम अपने वनवास के समय में दंडकारण्य के जंगल में आए हुए थे और चंद्रपुर और आसपास के इलाके को दंडकारण्य का जंगल कहा जाता है और उन्होंने अपने वनवास का काफी हिस्सा दंडकारण्य के जंगलों में ही बिताया था। 

5. प्रभु श्री राम के पिता राजा दशरथ का ननिहाल भी यही चंद्रपुर की जगह को माना जाता है, इसलिए प्रभु श्रीराम के बन रहे मंदिर में इस चंद्रपुर के सागवान की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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