India-Australia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच से पहले 'डिप्लोमेसी' की ऐसी पारी खेली कि इससे चीन को मिर्ची लग गई होगी। वैसे भी पीएम इशारों इशारों में संदेश देने में माहिर हैं। यही कारण है कि पीएम मोदी ने क्वाड के सदस्य देश ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया और यह बताया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक रिश्तों में क्रिकेट की कितनी अहमियत है। खेल के मैदान से 'खेल खेल' में पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया से दोस्ती की ऐसी इबारत रची कि क्रिकेट से अनजान देश चीन को मिर्ची लग गई होगी। क्योंकि चीन 'क्वाड' के सदस्य देशों के मिलने पर हमेशा से ही आपत्ति जताता है। उसे लगता है कि भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ये चार देश जब भी मिलते हैं, चीन के खिलाफ ही साजिश रचते हैं।
हालांकि भारत में क्वाड की हालिया बैठक में चीन को यही संदेश दे दिया गया है कि वह कायदे में रहे, तो फायदे में रहेगा। चीन चुपचाप अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करता रहे, यही नसीहत दी गई। अब ऑस्ट्रेलिया के पीएम भारत दौरे पर हैं, दोनों क्रिकेट के मैदान पर साथ जिस गर्मजोशी से भारतीय जनता का अभिवादन कर रहे हैं, यह तस्वीर ये बताने के लिए काफी है कि 'क्वाड' के देशों में शामिल ये दो देश भारत और ऑस्ट्रेलिया की दोस्ती कितनी प्रगाढ़ है।
दोनों पीएम क्रिकेट ग्राउंड पर, लेकिन खेली रची कूटनीतिक इबारत
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा और आखिरी टेस्ट शुरू होने से पहले अहमदाबाद स्टेडियम पहुंचकर भी प्रधानमंत्री ने बड़ा संदेश दिया। वो गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के साथ पहुंचे। भले ही दोनों प्रधानमंत्री क्रिकेट मैदान में थे, लेकिन संदेश खेल की सीमा से इतर कूटनीति के मैदान तक पहुंच गया। निश्चित रूप से क्रिकेट के मैदान पर क्वाड देशों के दो प्रधानमंत्रियों की एकजुटता के प्रदर्शन वाली तस्वीर से कूटनीति के मैदान में बड़ी चाल चली गई है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया की बढ़ती दोस्ती से चीन को लगेगा झटका
समुद्र में चीन की बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर 'क्वाड' देश नई-नई रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं। चारों देश विकास से लेकर सामरिक मुद्दों पर एक-दूसरे की तरफ हाथ बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में भारत ने साल 2020 में पहली बार अपने बहुचर्चित नौसैनिक अभ्यास मालाबार में ऑस्ट्रेलिया को शामिल किया। अब इस वर्ष अगस्त महीने में पहली बार मालाबार नौसैनिक अभ्यास ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया जाएगा। भारत मालाबार एक्सरसाइज में अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों के साथ-साथ लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान भी भेजेगा।
चीन से बिगड़े रिश्तों के बीच 'क्वाड' के देशों से अच्छी साझेदारी काफी अहम
चीन के साथ बिगड़े रिश्तों के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया की बढ़ती साझेदारी को काफी अहम माना जा रहा है। चीन काफी तेजी से अपनी नौसेना का विस्तार कर रहा है। वह पहले से ही 355 युद्धपोतों और पनडुब्बियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। क्वाड देशों को इसका मतलब अच्छे से पता है, इसलिए आने वाले वर्षों में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए समुद्री साझेदारी की आवश्यकता महसूस की जा रही है। क्वाड के सभी चार सदस्यों ने चीन की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया और साफ कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किसी उसकी प्रकार की 'जबरदस्ती' नहीं चलने दी जाएगी।
क्वाड के परे भारत-ऑस्ट्रेलिया का रिश्ते हमेशा रहे प्रगाढ़
चीन को भी क्वाड के इतर भारत-ऑस्ट्रेलिया के निजी संबंधों की भी अच्छे से खबर है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर एक साल में तीन बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चा चुके हैं। पिछले साल उन्होंने क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मेलबर्न का दौरा किया था। हालिया दौरे में उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के लिए विश्व की दिशा तय करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। इस दौरान द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी, आर्थिक अवसर, लोगों के बीच संबंध, क्रिकेट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत कई विषयों पर चर्चा हुई। वहीं, रायसीना सिडनी बिजनेस ब्रेकफस्ट में जयशंकर ने कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात में भारत और ऑस्ट्रेलिया को एक-दूसरे के लिए और भी ज्यादा काम करना होगा।
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