आपने बचपन से लेकर बड़े होने तक एक लाइन तो कई बार सुनी और बोली होगी। 'नाम में क्या रखा है', यही वो लाइन है जिसकी हम बात कर रहे हैं। यह लाइन मशहूर लेखक शेक्सपीयर की है। लेकिन अभी एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान भी होंगे और आपको यह भी समझ में आएगा कि जीवन में नाम की बहुत अहमियत है। क्योंकि एक नाम के कारण ही पति-पत्नी का रिश्ता तलाक तक पहुंच गया। खैर राहत की बात यह है कि कोर्ट की समझदारी के कारण यह तलाक नहीं हुआ और दोनों के बीच में सुलह हो गया। आइए आपको इस मामले की पूरी जानकारी देते हैं।
नाम को लेकर पति-पत्नी का बिगड़ा रिश्ता
हम जिस मामले की बात कर रहे हैं वो मैसूर जिले का है जिसने साल 2021 में तुल पकड़ना शुरू किया। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक साल 2021 में मैसूर में हुनसुर कपल के घर में एक बच्चा पैदा हुआ। इसके बाद जो महिला मां बनी थी वो अपने बेटे को 'आदि' कहकर पुकारने लगी। मगर बच्चे का यह नाम आधिकारिक तौर पर कहीं रजिस्टर नहीं हुआ था। बच्चे के पिता को यह नाम पसंद नहीं आया और यहीं से मामले की शुरूआत हुई। दोनों के बीच में नाम को लेकर झगड़ा होने लगा। दरअसल पति चाहता था कि उसके बेटे का नाम भगवान शनि के नाम को दर्शाता हो। इसके बाद दो साल तक दोनों के बीच नाम के लेकर बहस जारी रही।
कोर्ट तक पहुंच गया मामला
बेटे के नाम को लेकर मामला इतना बढ़ा कि महिला CRPC की धारा 125 के तहत कोर्ट में पहुंच गई। मगर वहां कोर्ट ने दोनों के बीच में सुलह कराया। कोर्ट में सहायक सरकारी वकील सौम्या एम.एन. ने कपल को पसंद आने वाले कुछ सुझाव दिए। इसके बाद पति और पत्नी दोनों ही इस बात पर राजी हुए कि बच्चे का नाम 'आर्यवर्धन' रहेगा। बीते शनिवार को हुनसुर में हर किसी की सहमति से 3 वर्षीय बच्चे का नाम आर्यवर्धन रखा गया। इसके बाद कपल ने अपने बीच की लड़ाई को भूला दिया और फिर दोनों के बीच में सुलह हो गई।
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