कोलकाता के आरजी कर मेडिकल एंड हॉस्पिटल के डॉक्टरों की हड़ताल अभी भी जारी है। इसी बीच ममता सरकार ने छात्रों को मेल भेजकर बातचीत के लिए बुलाया है, जिससे जूनियर डॉक्टरों ने साफ इनकार कर दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील के लिए दी गई डेडलाइन भी शाम 5 बजे खत्म हो गई है।
10 डॉक्टरों को बुलाया गया
मिली जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य भवन की ओर से स्वास्थ्य सचिव ने मेल भेजकर 10 जूनियर डॉक्टरों को नबन्ना में बैठक के लिए बुलाया, लेकिन जूनियर डॉक्टर इस पर राजी नहीं हो रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हमने जिसे हटाने की मांग की है उन्हीं स्वास्थ्य सचिव की ओर से मेल किया गया, जो हमारे लिए काफी अपमानजनक है, हमें उनका इस्तीफे चाहिए। हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं।
एक अन्य बातचीत में जूनियर डॉक्टरों में से एक ने कहा, "हम स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं, तो स्वास्थ्य सचिव को हमसे ईमेल के जरिए संवाद करने की क्या जरूरत थी? हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हमने अपनी मांगों से सभी को स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम प्रदर्शन जारी रखेंगे।"
ममता कर रही इंतजार
ममता सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस पर कहा कि हमारी सरकार ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से ईमेल पर संपर्क कर बातचीत के लिए 10 लोगों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया है। सीएम ममता डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए इंतजार कर रही हैं, पर डॉक्टरों की ओर से कोई अभी मेल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि डॉक्टर वापस अपने काम पर लौटें और हम उन्हें दी जाने वाली सभी सुविधाएं सुनिश्चित करेंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आगे आदेश दिया था कि बंगाल पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जरूरी परिस्थितियां तैयार की जाएं, जिसमें अलग-अलग ड्यूटी रूम, टॉयलेट-वाशरूम की सुविधा, सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था हो। पर सबसे पहले डॉक्टरों को काम पर लौट होगा।
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