नई दिल्ली: रविवार को बेंगलुरु से दिल्ली के लिए विस्तारा कंपनी के प्लेन ने उड़ान भरी। इस फ्लाइट में कई यात्रियों के साथ एक दो साल की मासूम बच्ची भी थी। प्लेन हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था कि तभी अचानक से उस बच्ची की सांस रुक गई। इस बात की जानकारी होते ही प्लेन के क्रू ने बच्ची की हालात के बारे में घोषण करते हुए फ्लाइट को नागपुर की तरफ मोड़ने का ऐलान किया।
संयोग से विस्तारा की इसी फ्लाइट में दिल्ली एम्स के पांच डॉक्टर भी यात्रा कर रहे थे जो बेंगलुरु में एक मेडिकल इवेंट में हिस्सा लेकर वापस दिल्ली आ रहे थे। इन पांचो डॉक्टरों ने सूचना मिलते ही अपना फर्ज निभाना शुरू कर दिया। जानकारी के अनुसार, 2 साल की बच्ची का हाल ही में ऑपरेशन किया गया था।
इस घटना की जानकारी देते हुए एम्स दिल्ली ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "बच्चे की जांच की गई। उसकी नाड़ी गायब थी, हाथ-पैर ठंडे थे, बच्ची सांस नहीं ले रही थी और उसके होंठ और उंगलियां पीले हो गए थे।" पोस्ट में बताया गया कि ऑन एयर टीम जिसमें डॉ नवदीप कौर, डॉ दमनदीप सिंह, डॉ ऋषभ जैन, डॉ ओशिका और डॉ अविचला टैक्सक के द्वारा कुशल कार्य और सक्रिय प्रबंधन का उपयोग करके सीमित संसाधनों के साथ तत्काल सीपीआर शुरू किया गया था।
पांचो डॉक्टरों ने बच्ची को 45 मिनट में दोबारा जिंदा किया
एम्स ने बताया कि इन पांच डॉक्टरों की टीम ने बच्ची को प्लेन में ही कैनुला लगाया गया। इसके साथ ही अन्य जो भी संभव हो सका, वह किया गया। टीम ने प्लेन में ही बच्ची को अपनी निगरानी रखा और 45 मिनट के बाद बच्ची को पुनर्जीवित कर दिया। बच्ची की हालात में सुधार की प्लेन में सूचना दी गई तालियों की गडगडाहट से पूरा प्लेन गूंज उठा। इसके बाद प्लेन को नागपुर में उतारा गया और बच्ची को बाल रोग विशेषज्ञ को सौंप दिया गया।
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