Highlights
- कोरोना से सतर्क रहें, लेकिन अब घबराने की जरूरत नहीं
- सिर्फ हार्ट, किडनी, कैंसर, टीबी और शुगर-बीपी मरीजों के लिए ही खतरा है कोरोना
- सामान्य लोगों के लिए सर्दी-जुकाम जैसा रह गया है कोविड वायरस का असर
Big update on Corona virus: करीब तीन वर्षों से कोरोना महामारी से परेशान देश और दुनिया के लोगों के लिए अब तक की सबसे बड़ी खबर है। वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस अब उतना खतरनाक नहीं रह गया है, बल्कि यह अब सामान्य एन्फ्लूएंजा की तरह हो गया है। यानि कोरोना होने का मतलब अब सिर्फ सर्दी-जुकाम है। अब धीरे-धीरे यह सामान्य सर्दी का रूप ले रहा है। टीकाकरण पर भारत के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष एनके अरोड़ा ने यह दावा किया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अब पहले जितना घातक नहीं रह गया है। यह सामान्य सर्दी और जुकाम का रूप ले रहा है। अब देश ऐसी स्थिति की ओर बढ़ चुका है, जहां लोग इससे प्रभावित होने के बाद भी सामान्य प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपनी दिनचर्या जारी रख सकते हैं। दुनिया भर के लोगों के लिए यह खबर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से बहुत सुकून देने वाली है।
ओमिक्रॉन और अन्य वैरिएंट भी कमजोर
एनके अरोड़ा के अनुसार कोरोना के वर्तमान ओमिक्रॉन समेत अन्य वैरिएंट भी कमजोर पड़ गए हैं। अब यह केवल उन्हीं व्यक्तियों में गंभीर रूप धारण कर रहा है, जिन्हें पहले से हृदय रोग, कैंसर रोग, किडनी रोग या सांस रोग, क्षय रोग और एचआइवी जैसी गंभीर बीमारियां हैं। शुगर, बीपी के मरीजों में भी यह घातक हो रहा है। इसके अतिरिक्त जो लोग पहले से किसी असाध्य रोग से ग्रस्त नहीं हैं, उनमें यह सामान्य सर्दी-जुकाम के लक्षण पैदा करने के बाद स्वतः निष्क्रिय पड़ जा रहा है।
लोगों को रहना होगा सतर्क
कोरोना भले ही अब अधिक जानलेवा नहीं रहा, लेकिन अभी भी लोगों को इसके प्रति सतर्क रहना होगा। इसके प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। कोरोना के अन्य वैरिएंट के लिए भी देश में टीके पर काम हो रहा है। बूस्टर डोज भी लोगों को लगाई जा रही है। देश में टीकाकरण तेजी से किए जाने का असर ही है कि अब दफ्तरों में पहले जैसा सामान्य कामकाज शुरू हो चुका है। स्कूल, बाजार, होटल और अन्य प्रतिष्ठान पहले की तरह सामान्य ढर्रे पर आ चुके हैं।
अब तक कोरोना से हुई मौतें और संक्रमण
देश में अब तक तीन वर्षों के दौरान 4.44 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस बीमारी से पांच लाख 28 हजार लोगों की जान जा चुकी है। जबकि पूरी दुनिया में इस बीमारी से अब तक 60 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 65 लाख के करीब मरीजों की इस महामारी से मौत हो चुकी है।
रोकथाम और इलाज
कोरोना की रोकथाम के लिए भारत समेत कई अन्य देशों ने इसकी वैक्सीन तैयार की है, जो काफी हद तक कारगर भी साबित हुई है। हालांकि अब तक तैयार वैक्सीन इसके सभी वैरिएंट में कारगर नहीं है। दुनिया के वैज्ञानिक अब इसके सभी वैरिएंट में कारगर होने वाली वैक्सीन पर भी काम कर रहे हैं। साथ ही साथ इसके अन्य वैरिएंट पर भी वैक्सीन की बूस्टर डोज बन रही है। हाल ही में भारतीय मूल के कनाडा निवासी एक वैज्ञानिक ने कोरोना के स्पाइक प्रोटीन पर एंटीबॉडी के एक ऐसे भाग को खोजना का दावा किया है, जिससे कोरोना के हर वैरिएंट का कारगर इलाज का रास्ता ढूंढ़ना आसान हो गया है। दावे के अनुसार यह कोरोना की एंडीबॉडी का ऐसा खंड है जो स्पाइक प्रोटीन से जुड़ जाता है और मानव शरीर में कोरोना वायरस के प्रवेश को पूरी तरह प्रतिबंधित कर देता है। ऐसे में संभावना है कि आने वाले समय में वैज्ञानिक ऐसा टीका और इलाज तैयार करने में कामयाब हो जाएंगे जो कोरोना के सभी प्रतिरूपों पर भारी और कारगर साबित होगा।