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‘आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे’, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर सरकार ने रुख किया साफ

'आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं है, आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे', यह बात नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कही। वे जम्मू-कश्मीर से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: July 24, 2024 17:47 IST
Nityanand rai, Jammu kashmir- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE नित्यानंद राय ने आतंकवाद पर रुख साफ किया

नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों पर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि आतंकवादियों को या तो जेल भेजा जाएगा या वे जहन्नुम में जाएंगे। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि आतंकवादी अपने मंसूबों में सफल नहीं होंगे और उनकी गतिविधियां जल्द ही समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है और ‘‘आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे ।’’

धारा 370 हटने के बाद से सेना ने 900 आतंकियों को ढेर किया

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह भी बताया कि विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में हटाए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने 900 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने का संकल्प जताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कश्मीर में 28 आतंकियों को मार गिराया गया है। उन्होंने स्वीकार किया, ‘‘आतंकी हमलों में हमारे कुछ जवानों की भी जान गई है।’’ उन्होंने पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि 2004 से 2014 के बीच आतंकी घटनाओं की संख्या 7217 थी जबकि 2014 से 21 जुलाई 2024 तक ऐसी 2259 घटनाएं हुई हैं ‘‘जो नहीं होना चाहिए थीं। इस पर राजनीतिक नहीं करनी चाहिए। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है तथा आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे।’’ 

जम्मू कश्मीर में अनुकूल माहौल 

राय ने बताया कि 2004 से 2014 तक आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की संख्या 2829 थी जो बीते दस वर्ष में 67 प्रतिशत घट कर करीब 941 रह गई। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का आज अनुकूल माहौल है, स्कूल, कालेज खुल रहे हैं, कारोबार बढ़ रहा है और अवसंरचना का विकास किया जा रहा है। 

 2023 में दो करोड़ 11 लाख पर्यटक कश्मीर पहुंचे

कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि कश्मीर जाने वाले पर्यटक के मन में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता होती है। आतंकी हमले पर्यटकों के मन में चिंता उत्पन्न करते हैं। ऐसे में वहां पर्यटकों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। इस पर राय ने बताया कि 2023 में दो करोड़ 11 लाख पर्यटकों का कश्मीर जाना बताता है कि वहां सुरक्षा की स्थिति है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले तो पर्यटक कश्मीर जाने से डरते थे।  विकास के पैकेज से न केवल वहां तत्काल जरूरतें पूरी हो रही हैं बल्कि वहां विकास भी हो रहा है। वहां उच्च शिक्षण संस्थान से लेकर अवसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। राय ने कहा कि विकास के पैकेज से स्थानीय लोगों को और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भी लाभ हो रहा है। 

कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए प्रयास जारी

कश्मीरी पंडितों के बारे में पूछे गए एक पूरक प्रश्न के उत्तर में नित्यानंद राय ने कहा कि कभी जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों ने अत्याचार की वजह से घाटी से पलायन किया था। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति एवं साजिश कश्मीरी पंडितों के वहां से पलायन का मुख्य कारण था। राय ने बताया कि घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वहां 6000 रिक्त पदों में से 5700 से अधिक पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है और शेष 206 पदों पर जल्द ही नियुक्ति कर दी जाएगी। वहां घाटी के विभिन्न जिलों में 2015 में पीएम पैकेज के तहत 6000 ट्रांजिट आवास निर्माण की मंजूरी दी गई थी। इनमें से 2088 फ्लैट बन गए हैं और शेष का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 

पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश जारी

उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी तथा उनके पुनर्वास के लिए नौकरी की व्यवस्था की गई है। उनके पुनर्वास के लिए की गई इस पहल के तहत 6000 पदों पर उनकी नियुक्ति की जानी थी जिनमें से 5724 पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी हैं और शेष 276 पद पर नियुक्तियां की जा रही हैं। एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में राय ने बताया कि कश्मीर में 2023 में दो करोड़ 11 हजार पर्यटक गए। उन्होंने कहा कि वहां शांति का माहौल है और सुरक्षा से लेकर सफाई तथा अन्य मुद्दों पर गहनता से ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं कुछ दिन पहले श्रीनगर गए थे। उन्होंने कहा कि वहां का प्रशासन राज्य में आने वाले पर्यटकों का पूरा ध्यान रख रहा है और गृह मंत्रालय की ओर से भी इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। राय ने कहा कि वहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है। (इनपुट-भाषा)

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