Highlights
- शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी
- सेना ने एक आतंकवादी को मार गिराया
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों एवं आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में भारतीय सेना को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने 2 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है। बताया जा रहा है कि मारे गए आतंकवादी टीआरएफ/ लश्कर ए तैयबा (एलईटी) आतंकवादी संगठन से ताल्लुक रखते थे। वहीं, ऑपरेशन खत्म हो गया है। अधिकारी ने बताया कि जो लोग मारे गये है वो द रेजिस्टेंस फ्रंट के स्थानीय लोग थे, यह लश्कर का सहयोगी संगठन है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।
कश्मीर जोन पुलिस के मुताबिक, जिले के किलबाल इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चलाया। सुरक्षाबलों को यहां कुछ आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों के जवान जब इलाके में तलाशी अभियान चला रहे थे, उसी दौरान छिपे आतंकवादियों ने उनपर गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी। उन्होंने बताया कि अंतिम सूचना मिलने तक 2 आतंकवादियों को मार गिराया गया है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सशस्त्र बलों के लिए 2021 एतिहासिक साल रहा: सेना कमांडर
उधमपुर (जम्मू-कश्मीर): सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सशस्त्र बलों के लिए 2021 को शनिवार को “एतिहासिक साल” बताया। उन्होंने कहा कि सैनिकों ने दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में “आक्रामक मंसूबों” के खिलाफ खड़े होने में साहस दिखाया। उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर-कमांडिंग इन चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद संबंधित घटनाओं और पथराव की गतिविधियों में कमी आई है।
जम्मू-कश्मीर में उत्तरी कमान के मुख्यालय में उसके अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए जोशी ने कहा, “सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर के लोगों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप आतंकवादी संबंधित घटनाओं, पथराव गतिविधियों और विरोध प्रदर्शनों में कमी आई है।” इससे पहले समारोह में, उन्होंने कमान प्रणाली में ‘असाधारण’ और ‘उत्कृष्ट’ प्रदर्शन के लिए 40 इकाइयों को जीओसी-इन-सी की प्रशस्ति और 26 इकाइयों को जीओसी-इन-सी का ‘प्रशस्ति प्रमाण-पत्र’ दिया।
ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन नॉर्दर्न बॉर्डर्स और कमान में अन्य अभियानों में इकाइयों के प्रदर्शन के लिए जीओसी-इन-सी का प्रशस्ति पत्र दिया गया। ऑपरेशन ‘स्नो लेपर्ड’ में इकाइयों के प्रदर्शन के लिए जीओसी-इन-सी के प्रशस्ति प्रमाण-पत्र दिए गए। यह अभियान चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वापस जाने और यथास्थिति बहाल करने से इनकार करने के बाद शुरू किया गया था।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया, “यह समारोह उत्तरी कमान में अपने कार्यकाल के दौरान इकाइयों द्वारा उनकी अभियान भूमिकाओं में पेशेवर रवैये की सराहना करने और पहचानने का एक महत्वपूर्ण अवसर रहा।” सेना के कमांडर ने भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए उत्तरी कमान के सभी रैंकों की प्रशंसा की।