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रक्षा के क्षेत्र में दिखी आत्मनिर्भर भारत की ताकत, INS विक्रांत पर तेजस ने की पहली लैंडिंग और टेक-ऑफ; Photos

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के नौसैनिक (नेवी) संस्करण, जिसे LCA नेवी कहा जाता है, ने आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत से अपनी पहली लैंडिंग और टेकऑफ़ किया।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Swayam Prakash Updated on: February 06, 2023 22:36 IST
INS विक्रांत से टेकऑफ करता तेजस- India TV Hindi
Image Source : ANI INS विक्रांत से टेकऑफ करता तेजस

भारतीय नौसेना ने आज आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। सोमवार को नौसेना के पायलटों ने आईएनएस विक्रांत पर एलसीए (हल्का लड़ाकू विमान) की लैंडिंग की। गौर करने वाली बात ये है कि इस स्वदेशी लड़ाकू विमान के साथ स्वदेशी विमान वाहक को डिजाइन, विकसित, निर्माण और इसे संचालित करने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है।

LCA नेवी की पहली लैंडिंग और टेकऑफ़

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के नौसैनिक (नेवी) संस्करण, जिसे LCA नेवी कहा जाता है, ने आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत से अपनी पहली लैंडिंग और टेकऑफ़ किया। विमानवाहक पोत INS विक्रांत का निर्माण साल 2009 में शुरू हुआ था। इसे पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सेवा में शामिल किया गया था।

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस का टेकऑफ

Image Source : ANI
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस का टेकऑफ

इन क्षमताओं से लैस है विमान वाहक INS विक्रांत
आईएनएस विक्रांत की बात करें तो ये 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और इसकी ऊंचाई 59 मीटर है। वाहक में 2,300 से अधिक कंपार्टमेंट हैं, जो लगभग 1,700 लोगों के चालक दल के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए विशेष केबिन भी शामिल हैं। INS विक्रांत की अधिकतम स्पीड लगभग 28 समुद्री मील है और लगभग 7,500 समुद्री मील की सहनशक्ति के साथ 18 समुद्री मील की क्रूजिंग स्पीड है।

INS विक्रांत पर तेजस की पहली लैंडिंग

Image Source : ANI
INS विक्रांत पर तेजस की पहली लैंडिंग

एक साथ लेकर चल सकता है 30 फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर 
आईएनएस विक्रांत को शामिल करने के साथ, नौसेना के पास सालों में पहली बार अपने बेड़े में दो वाहक हैं, लेकिन दोनों युद्धपोतों को चालू रखने के लिए पर्याप्त लड़ाकू विमान नहीं हैं। बता दें कि आईएनएस विक्रांत 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बना है और इसका वजन 45,000 टन है। इसे पिछले साल सितंबर में नेवी में कमीशन किया गया था। यह मिग-29K लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर सहित 30 विमान ले जा सकता है। INS विक्रांत का नाम इसके पूर्ववर्ती के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के लिए पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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