Highlights
- । टीबी शरीर के कई अंगों को क्षति पहुंचा सकता है
- दुनिया में साल 2015 में 142 मामले प्रति लाख रिपोर्ट पाए गए
- 4 सालों में देखा जाए तो 21 लाख से ज्यादा टीबी के रिपोर्ट हुए हैं
Tuberculosis TB Disease: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) ने 2025 तक टीबी को देश से खत्म करने के लिए लक्ष्य रखा है। वही कुछ दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री टीबी (Tuberculosis) मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत सभी मरीजों को भोजन, निदान और परिजनों को ट्रेनिंग दिया जाएगा। 4 सालों में टीबी से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। देश के कई ऐसे राज्य हैं जो काफी समृद्ध है उन राज्यों में भी डेथ रेट राष्ट्रीय औसत से ज्यादा पाया गया है।
दुनिया हम कहां?
टीवी बीमारी इतनी खतरनाक है कि अकेले भारत में 25% टीबी के मरीज पाए जाते हैं। साल 2021 की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में टीबी की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। 2017 में जहां हमारे देश में प्रति लाख आबादी पर 217 टीबी के केस पाए जाते थे। वहीं साल 2020 तक आते-आते 188 केस प्रति लाख हो गया है। इसके मुकाबले दुनिया में साल 2015 में 142 मामले प्रति लाख रिपोर्ट पाए गए । हालांकि 2020 में यह आंकड़ा काफी कम होकर 127 केस प्रति लाख रह गया।
2022 में हो गई है भयावह स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में कोविड-19 से लगभग 5.28 लाख लोगों की मौत हो चुकी है जबकि टीवी से मरने वाले आंकड़ों को देखा जाए तो यह काफी चौंकाने वाली है। देश में हर साल टीबी से 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। पिछले 4 सालों में देखा जाए तो 21 लाख से ज्यादा टीबी के रिपोर्ट हुए हैं। जिनमें एवरेज 73 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जिस तरह से टीबी के मामले देश में बढ़ रहे हैं, इन आंकड़ों को देखा जाए तो यह काफी परेशान करने वाला है। 2018 में डेथ रेट 2.51% थी जो कि साल 2019 में बढ़कर (3.05%) तक पहुंच गई। 2020 में यह आंकड़े काफी कम हुए थे लेकिन इस साल के आंकड़ों को देखा जाए तो हैरान कर देने वाली है। 2022 में टीबी का डेथ रेट बढ़कर 5% तक पहुंच गया है।
किस राज्य में सबसे अधिक मामले
अगर राज्य के मुताबिक आंकड़ों को देखा जाए तो देश में सबसे ज्यादा टीबी के मामले बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में रिपोर्ट किए जाते हैं। इसके बाद दूसरे पायदान पर महाराष्ट्र (9.5फीसदी) गुजरात (8.34फीसदी) मध्य प्रदेश (6.31 फीसदी) और कर्नाटक का नंबर फिर आता है। हालांकि टीबी से सबसे ज्यादा मौत कर्नाटक में होती है, जहां हर साल 100 रोगियों मे 6 की मौत हो जाती है। केरल (5.28फीसदी), त्रिपुरा (5.57फीसदी) उड़ीसा में (5.1 फ़ीसदी) पश्चिम बंगाल में (4.7 फ़ीसदी) तमिलनाडु में (4.69 फीसदी) हिमाचल प्रदेश में (4.49 फीसदी) गुजरात में (4.19 फीसदी) छत्तीसगढ़ में (3.89 फीसदी) असम में (3.76 फ़ीसदी) और आंध्र प्रदेश में (3.54 फ़ीसदी) ये उन राज्यों में शामिल है जहां का डेथ रेट राष्ट्रीय औसतन (3.5 फ़ीसदी) से ज्यादा है।
टीबी है क्या?
ट्यूबरकुलोसिस को आम बोलचाल की भाषा में टीबी हम सब कहते हैं। टीबी शरीर के कई अंगों को क्षति पहुंचा सकता है। टिब्रो क्लॉसिस की बीमारी उन लोगों से सबसे अधिक होती है जिन्हें पहले से कोई बड़ी गंभीर बीमारी होती है जैसे कि एड्स, डायबिटीज इत्यादि। जिनकी यूनिटी काफी कमजोर होती है उन्हें इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा होता है। आपको बता दें कि टीबी कई प्रकार के होते हैं। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि टीबी के लक्षण क्या है। टीबी एक संक्रामक रोग है, जैसे कोविड एक शख्स से दूसरे में जाता है, ठीक वैसे ही टीबी भी हवा के जरिए एक से दूसरे शख्स को संक्रमित करता है। हालांकि कोविड के मुकाबले टीबी काफी धीमी गति से फैलता है। जैसे अगर टीबी का इन्फेक्शन 10 लोगों तक पहुंचेगा, तो वह उनमें से 1 या 2 को होगा। लेकिन कोविड-19 में अगर 10 को देंगे, तो 10 ही लोग संक्रमित हो सकते हैं।