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तवांग में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प पर आया अमित शाह का बड़ा बयान

चीन के सैनिक अपने साथ मोटी गांठ वाली रस्सी, झटका देने वाली पिस्टल और कीलों वाला मोटा डंडा भी लेकर आए थे। इस इलाके में अपना दबदबा कायम करने के लिए चीनी सैनिकों की पूरी प्लानिंग को भारतीय सैनिकों ने फेल कर दिया।

Edited By: Sailesh Chandra @chandra_sailesh
Updated on: December 13, 2022 12:43 IST
Amit Shah- India TV Hindi
Image Source : PTI Amit Shah

Tawang Clash: भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तवांग में हुई झड़प से एक बार फिर लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव बढ़ गया है। 9 दिसंबर को हुई झड़प में दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए हैं। इस मामले पर आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि चीन पर कांग्रेस का रवैया दोहरा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में कोई एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2006-07 में चीनी दूतावास से पैसा लिया था।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया बात करते हुए कहा कि लोकसभा में आज विपक्ष ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया और इस कृत्य की मैं निंदा करता हूं। विपक्ष ने यह तब किया जब संसदीय कार्य मंत्री ने साफ कहा का कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में तवांग झड़प के मुद्दे पर बयान देंगे। उन्होंने कहा कि जब मैंने प्रश्नकाल की सूची देखी और प्रश्न संख्या 5 देखने के बाद मुझे कांग्रेस की चिंता समझ में आई। एक सवाल राजीव गांधी फाउंडेशन के विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस को रद्द करने के संबंध में था।

उन्होंने कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता है। हमारे जवानों ने 8 दिसंबर की रात को और 9 दिसंबर की सुबह को जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी तारीफ करता हूं। सेना ने कुछ ही देर में घुसे हुए सभी चीनी सैनिकों को भगा दिया और हमारी भूमि की रक्षा की। अमित शाह ने कहा कि 1962 में कांग्रेस के वक्त चीन ने भारत की जमीन हड़प ली थी।

बता दें कि 9 दिसंबर को चीन के सैनिक एलएसी पर तारबंदी की योजना के साथ घातक हथियारों से लैस हो कर आए थे। भारत और चीन के सैनिकों के बीच 3-4 लोकेशन पर भिड़ंत हुई। चीन के सैनिक पेट्रोलिंग वाली गाड़ियों में सवार होकर आए थे। इतना ही नहीं वे अपने साथ तारबंदी के लिए साजो-सामान भी लेकर आए थे। चीनी सैनिकों के पास रेडियो सेट, शील्ड स्पाइक और इलेक्ट्रिक बैटन भी थे।

चीन के सैनिक अपने साथ मोटी गांठ वाली रस्सी, झटका देने वाली पिस्टल और कीलों वाला मोटा डंडा भी लेकर आए थे। इस इलाके में अपना दबदबा कायम करने के लिए चीनी सैनिकों की पूरी प्लानिंग को भारतीय सैनिकों ने फेल कर दिया। 

दरअसल, चीनी सैनिक पेट्रोलिंग करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंच गए और वहां अस्थाई ढांचा बनाना शुरू कर दिया। लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को वहा से खदेड़ दिया। 11 दिसंबर को ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों की फ्लैग मीटिंग हुई। उसके बाद से हालात नियंत्रण में हैं। साल 2006 से अब तक करीब 15 से 16 बार चीन इस तरह की हरकतें कर चुका है। हर बार भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते उसे पीछे लौटना पड़ा है।

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