Highlights
- 8 महीने में हुई 26 टारगेट किलिंग
- दहशतगर्दों ने मचाया घाटी में कोहराम
- आज फिर हुई एक टारगेट किलिंग
Target Killing in Kashmir: कश्मीर में टारगेट किलिंग के मामलों ने देश में कोहराम मचा दिया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो लगभग 8 महीने में ऐसी कुल 26 हत्याएं हुई हैं। इनमें ज्यादातर लोग हिंदू हैं। जबकि सात पुलिसकर्मी भी टारगेट किलिंग का शिकार हुए हैं। पहले टारगेट किलिंग में सिर्फ कश्मीरी पंडित होते थे, लेकिन अब दहशतगर्द अपना शिकार गैर कश्मीरीयों को भी बना रहे हैं। टारगेट किलिंग का शिकार हुए लोगों में एक राजस्थान की बैंक मैनेजर सहित बिहार के तीन मजूर भी शामिल हैं।
सेना के जावनों को भी बनाया गया निशाना
ऐसा नहीं है कि ये दहशतगर्द टारगेट किलिंगा का शिकार सिर्फ आम लोगों को बना रहे हैं। सेना के जवानों को भी ये अपना शिकार बना रहे हैं। अब तक CRPF के दो, RPF के दो और एक ऑफ ड्यूटी सेना के जवान को इन आतंकियों ने अपना निशाना बनाया है। हालांकि, टारगेट किलिंग सिर्फ हिंदुओं की ही नहीं हो रही है, बल्कि वो मुसलमान भी इसका शिकार हो रहे हैं जो देश के साथ पूरे दमखम से खड़े होने का माद्दा रखते हैं।
पहली टारगेट किलिंग जनवरी में
कश्मीर में पहली टारगेट किलिंग की बात करें तो वह जनवरी महीने में हुई थी। 29 जनवरी 2022 को आतंकियों ने पहली बार टारगेट किलिंग की थी। उन्होंने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पुलिस हेड कांस्टेबल अली मोहम्मद गनी को उनके घर के पास गोली मार दी थी। इसके बाद हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया। आतंकियों ने मार्च में 8, अप्रैल में 5, मई में 6, जून में 3 अगस्त में 2 लोगों की हत्याएं की।
आज फिर हुई एक टारगेट किलिंग
जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात के करीब हुआ। कश्मीर जोन की पुलिस ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मध्यरात्रि के दौरान, आतंकवादियों ने बांदीपुरा के सोदनारा संबल में बिहार के मधेपुरा में बेसाढ़ के निवासी प्रवासी मजदूर मोहम्मद अमरेज, पुत्र मोहम्मद जलील पर गोली चलाई और उसे घायल कर दिया।’’ पुलिस ने बताया कि अमरेज को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।