तमिलनाडु में किसानों द्वारा दूध की खरीद कीमतों को बढ़ाने को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जा रहा है। डेयरी के कीमतों में वृद्धि करने की मांग को लेकर तमिलनाडु में अलग अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। बीते दिनों इरोड में किसानों द्वार दूध को सड़क पर फेंक कर विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं अब मदुरै के उसिलामपट्टी में डेयरी प्रोडक्ट को किसानों ने रोड पर फेंक दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है।
खरीदमूल्य में वृद्धि की मांग
तमिलनाडु मिल्क प्रोड्यूसर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने तमिलनाडु सरकार से मांग की है कि तमिलनाडु सरकार के अधीन काम करने वाले आविन द्वार खरीदे गए दूध के खरीद मूल्य में 7 रुपये प्रतिलीटर की बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए। यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्रन ने बीते दिनों घोषणा की थी कि यदि दूधों के खरीदमूल्य में वृद्धि नहीं की गई तो शुक्रवार को अनिश्चित कालीन दुग्ध हड़ताल पर जाएंगे। कल भी राजेंद्रन द्वारा ऐलान किया गया था कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आविन की कंपनी को बिना दूध दिए ही हड़ताल पर चले जाएंगे।
बातचीत का नहीं निकला हल
यूनियन द्वारा किए गए इस घोषणा के बाद डेयरी मंत्री नासिर ने चेन्नई के मुख्य सचिवालय में मुख्यमंत्री स्टालिन से बातचीत और विचार विमर्श किया। इसके बाद दूध उत्पादन संघ के प्रतिनिधियों से भी मंत्री नासिर ने बात की। लेकिन इस बातचीत का कोई मतलब नहीं निकला। ऐसे में तमिलनाडु में अब व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। दुग्ध उत्पादकों ने आविन से दूध खरीदना बंद कर दिया है और वह सड़कों पर अपना दूध फेंक कर विरोध जाहिर कर रहे हैं। बता दें कि इस कारण तमिलनाडु के अलग अलग हिस्सों में दुग्ध उत्पादकों द्वारा किए जा रहे विरोध के कारण दूध की आपूर्ति भी बाधित हो रही है।