Friday, November 22, 2024
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Tamil Nadu Violence: मनपसंद डॉक्टर को पोस्टमार्टम टीम में शामिल करने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया

Tamil Nadu Violence: चीफ जस्टिस एन.वी.रमण की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम करने के लिए हाईकोर्ट ने एक दल का गठन किया है। क्या आपको हाईकोर्ट पर भरोसा नहीं है?’’

Edited By: Shailendra Tiwari
Updated on: July 19, 2022 23:58 IST
Supreme Court rejects father request to include favorite doctor in post-mortem team- India TV Hindi
Image Source : ANI Supreme Court rejects father request to include favorite doctor in post-mortem team

Highlights

  • मृतका के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका
  • 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई
  • 13 जुलाई को हॉस्टल में मृत मिली थी छात्रा

Tamil Nadu Violence: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की मृत छात्रा के पिता का अनुरोध मंगलवार को ठुकरा दिया है। मृतका के पिता ने नए सिरे से पोस्टमार्टम करने वाले एक्सपर्ट के टीम में अपनी पसंद के डॉक्टर को शामिल करने का किया अनुरोध था। याचिकाकर्ता की बेटी एक निजी आवासीय स्कूल में मृत पाई गई थी और मद्रास हाईकोर्ट ने बालिका का नए सिरे से पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने का दिया था आदेश

तमिलनाडु के कल्लाकुरिची से करीब 15 किलोमीटर दूर चिन्नासेलम के कनियामूर इलाके में एक निजी आवासीय स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 17-वर्षीय छात्रा 13 जुलाई को हॉस्टल में मृत मिली थी। मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस चीफ को छात्रा की मौत के बाद दंगा करने वाले लोगों की पहचान करने के लिए SIT गठित करने और कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही छात्रा के शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने का भी आदेश दिया था। हालांकि, कोर्ट ने दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए पसंद के चिकित्सक को एक्सपर्ट के टीम का हिस्सा बनाने के छात्रा के पिता का अनुरोध खारिज कर दिया था। 

21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई

इसके बाद लड़की के पिता ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और अपनी याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध भी किया था। पेटिशनर के वकील ने कहा, ‘‘दोबारा पोस्टमार्टम के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाएं, क्योंकि वह आज होना है।’’ चीफ जस्टिस एन.वी.रमण की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम करने के लिए हाईकोर्ट ने एक दल का गठन किया है। क्या आपको हाईकोर्ट पर भरोसा नहीं है?’’ हालांकि, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को सहमत हो गई है।

क्या था पूरा मामला

बता दें, कि चिन्नासलेम में एक निजी आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय एक छात्रा 13 जुलाई को छात्रावास परिसर में मृत पाई गई थी। यह छात्रा छात्रावास की तीसरी मंजिल में बने कमरे में रहती थी और माना जा रहा है कि उसने सबसे ऊपर के तल से नीचे कूदकर जान दे दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कथित तौर पर यह सामने आया है कि छात्रा की मौत से पहले उसके शरीर पर चोट के निशान थे। पुलिस ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। छात्रा की मौत के बाद उसके परिजन, रिश्तेदार और उसके गांव पेरिवानासालुर के लोग न्याय की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले की जांच CB-CID से कराने और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।

छात्रा की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए रविवार को कई वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया। उन्होंने लड़की के स्कूल में तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं और कर्फ्यू लगा दी गई। आसपास के इलाकों से पुलिस बल पहुंचने के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे।

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