Highlights
- 12वीं क्लास की बच्ची का हुआ अंतिम संस्कार
- 13 जुलाई को कल्लाकुरिची स्थित स्कूल के छात्रावास परिसर में मिला था शव
- शनिवार सुबह लड़की के माता-पिता को शव लेने का निर्देश दिया गया
Tamil Nadu News: तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के पेरियानसल्लूर गांव के हजारों लोग शनिवार को 12वीं कक्षा की उस छात्रा के अंतिम संस्कार में शामिल हुए, जिसका शव 13 जुलाई को कल्लाकुरिची स्थित स्कूल के छात्रावास परिसर में मिला था। अंतिम संस्कार के दौरान बच्ची के पिता के साथ उनका 17 साल का बेटा, परिवार के अन्य सदस्य और ग्रामीण मौजूद थे। छात्रा के पिता ने अपनी बेटी की मौत के मामले में न्याय की गुहार लगाई है।
इससे पहले छात्रा के शव को एंबुलेंस के जरिए कल्लाकुरिची सरकारी अस्पताल से लाया गया। इससे पहले 10 दिन तक शव को अस्पताल में रखा गया था। छात्रा की मां ने अंतिम संस्कार के लिए शव को पाने संबंधी डॉक्यूमेंट्स पर हस्ताक्षर किए।
शनिवार सुबह लड़की के माता-पिता को शव लेने का निर्देश दिया गया
बता दें कि शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने शव को स्वीकार करने में देरी पर सवाल उठाए थे और शनिवार सुबह लड़की के माता-पिता को शव लेने का निर्देश दिया, जिसके बाद वे राजी हुए। लड़की के शव को ले जा रही एंबुलेंस और पुलिस सुरक्षा वाहन की एक कंटेनर-लॉरी से तिरुचिरापल्ली बाईपास रोड पर वेप्पुर से करीब 10 किलोमीटर दूर रास्ते में टक्कर भी हो गई थी, हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
श्रम मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
राज्य सरकार की ओर से श्रम मंत्री सी.वी.गणेशन और जिला कलेक्टर ने गांव पहुंचकर लड़की के शव को श्रद्धांजलि दी। कल्लाकुरिची जिले के कनिमयूर में मैट्रिक स्कूल की कक्षा 12वीं छात्रा 13 जुलाई को स्कूल के छात्रावास परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिली थी, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ था। छात्रा के माता-पिता ने लड़की की मौत पर संदेह जताते हुए शव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि उनकी पसंद के डॉक्टर की उपस्थिति में फिर से पोस्टमॉर्टम किया जाए। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी थी।
17 जुलाई को हिंसा हुई थी
इस दुखद घटना के कारण 17 जुलाई को हिंसा हुई थी और स्कूल में तोड़फोड़ की गई थी। दस्तावेज और प्रमाणपत्र जला दिए गए थे और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पुडुचेरी स्थित जवाहरलाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के डॉक्टरों की एक टीम को लड़की के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विश्लेषण करने और एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। (इनपुट: एजेंसी)