एक ओर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के जल को लेकर विवाद जारी है तो वहीं, अब हरियाणा और पंजाब के बीच भी जल विवाद गहरा गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में तल्ख भाषा में पंजाब सरकार को नसीहत दे दी है। सीएम खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पड़ोसी राज्य पंजाब को अपना व्यवहार बदलने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन की सलाह दी है। बता दें कि दोनों राज्यों के बीच दशकों से सतलुज-यमुना लिंक नहर के पानी को लेकर विवाद जारी है।
क्या बोले खट्टर?
सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद मुद्दे पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 अक्टूबर को कहा है कि जो जमीन वापस की गई है, उसे केंद्र सरकार अधिग्रहीत कर ले। कोर्ट ने जनवरी तक इसके लिए रास्ता निकालने को कहा है। इसके लिए उन्हों धन्यवाद दिया। खट्टर ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक पंजाब को अपना रवैया बदलना होगा। एक तरफ वो कहते हैं कि हम हरियाणा के हक का ध्यान रखेंगे, तो दूसरी तरफ पंजाब के लोग कहते हैं कि हम हरियाणा को पानी नहीं देंगे।
पंजाब सरकार पर लगाया आरोप
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार के विधायक कहते हैं हां हम पानी देंगे और पंजाब के वित्त मंत्री कहते हैं कि हम पानी नहीं देंगे। दोनों बातें पंजाब सरकार के दफ्तर में बैठकर कहते हैं। अगर आपको हरियाणा के हक की बात करनी थी तो हम आम आदमी पार्टी से कहते कि आप हरियाणा कार्यालय में आकर बातचीत करें। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नहर का निर्माण नहीं किए जाने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि हमें कठोर आदेश देने पर मजबूर ना करें।
क्या है पूरा विवाद?
साल 1966 में हरियाणा को पंजाब से अलग करने के बाद 211 किमी की सतलुज-यमुना लिंक नहर योजना बनाई गई थी। नहर का 121 किमी हिस्सा पंजाब में तो वहीं, 90 किमी का हिस्सा हरियाणा में बनाया जाना था। हरियाणा ने अपना काम 1980 तक पूरा किया लेकिन पंजाब में अबतक ये निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इस मुद्दे को लेकर बीते दशकों में पंजाब में हिंसा की बड़ी घटनाएं भी हो चुकी हैं।
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