Saturday, July 06, 2024
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किस तरह के कैंसर से जूझ रहे थे सुशील मोदी, ट्वीट किया था-अब बताने का समय आ गया है

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। वे कैंसर से पीड़ित थे और उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। जानिए किस तरह के कैंसर से पीड़ित थे सुशील मोदी?

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: May 13, 2024 23:43 IST
bjp leader sushil modi- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सुशील मोदी का निधन, कैंसर से थे पीड़ित

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का आज मतदान संपन्न हो गया। वोटिंग के बाद एक दुखभरी खबर आई, जिससे हर किसी का दिल भर आया। बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी का दिल्ली एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे कैंसर से पीड़ित थे, कुछ समय पहले ही सीनियर बीजेपी लीडर सुशील मोदी ने खुद ट्वीट कर बताया था कि उन्हें कैंसर की बीमारी है जिसकी वजह से वह लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह की भूमिका नहीं निभा पाएंगे। इसके बाद पता चला कि वह गले के कैंसर से पीड़ित थे और पिछले छह महीने से वे इस खतरनाक बीमारी से जंग लड़ रहे थे।  

सुशील मोदी ने X सोशल मीडिया के माध्यम से बताया था कि वह गले के कैंसर से जूझ रहे हैं। न्यूज एजेंसी आइएएनएस में छपी खबर के मुताबिक सुशील कुमार मोदी गले के कैंसर से पीड़ित थे। खबर के मुताबिक कैंसर धीरे-धीरे उनके शरीर के दूसरे अंगों में भी फैल रही थी और अब लंग्स तक पहुंच गया था, जिसके कारण बोलने में काफी दिक्कत हो रही थी।

क्या है गले का कैंसर

अगर किसी व्यक्ति को बार-बार खांसी आ रही हो या उसे खाना निगलने में तकलीफ हो रही है। इसके अलावा उसे गले में ऐसा कोई इंफेक्शन हो गया हो जो काफी दिनों से ठीक नहीं हो रहा हो तो ऐसे किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें क्योंकि यह गले के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। एसोफैगल कैंसर को आम बोलचाल की भाषा में गले का कैंसर कहा जाता है। 

 क्या हैं इसके लक्षण

आवाज में भारीपन के साथ-साथ आवाज में बदलाव

खाना खाते समय दर्द होना

गले में सूजन, दर्द

कान में दर्द 

बार-बार गले में खराश होना 

तेजी से वजन कम होना

खांसते वक्त बलगम या खून निकलना

कोई भी कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है और जब यह एक बार हो जाए तो वक्त रहते इलाज जरूरी है वरना यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है। किसी भी तरह का गांठ धीरे-धीरे गांठ ट्यूमर का रूप लेने लगता है।

ये हैं कारण

धूम्रपान या स्मोकिंग करना

तम्बाकू खाना

अल्कोहल, ज्यादा शराब पीना

विटामिन ए की कमी

डॉक्टरों के मुताबिक गले का कैंसर जब फैलने लगता है तो खाने की नली को ब्लॉक कर देता है और इसी वजह से बीमार व्यक्ति को खाने में तकलीफ होने लगती है। डॉक्टर्स का मानना है कि अगर अचानक से आवाज में किसी भी तरह का बदलाव, या खाने में तकलीफ हो या काफी दिनों से गले में खराश या दर्द है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. इसे इग्नोर न करें।

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