2000 रुपये के नोट को बंद करने की मांग करने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ऐलान के बाद प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि RBI ने दो हजार के नोट को वापस लेने का फैसला किया है। 2000 के सभी नोट सर्कुलेशन से वापस लिए जाएंगे, लेकिन नोट कानूनी रूप से वैध बना रहेगा। इस पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से पहली प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ब्लैकमनी पर यह दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक है।
आम आदमी को परेशानी नहीं होगी- बीजेपी नेता
सुशील मोदी ने कहा, "नोटबंदी के दौरान लोगों को तुरंत राहत देने के लिए सरकार ने 2000 रुपये के नोट छापने शुरू किए थे। इससे आम आदमी को परेशानी नहीं होगी, क्योंकि उनके पास 2000 रुपये के नोट नहीं हैं।" बता दें कि रिजर्व बैंक की ओर से 2016 में 2000 का नोट बाजार में तब लाया गया था, जब ब्लैकमनी पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद कर दिए थे। इसके बाद नए 500 के और 2000 रुपये का नोट जारी किया गया था।
नोटबंदी के 6 साल बाद 2000 के नोट को बंद करने की मांग
नोटबंदी के 6 साल बाद दिसंबर 2022 में सुशील मोदी ने 2000 के नोट बंद करने की मांग उठाई। उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि 2000 रुपये का नोट ब्लैकमनी हो गया है। उन्होंने कहा था कि सरकार को जनता को तीन साल का समय देकर धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोट वापस लेने चाहिए। ऐसे नोट का इस्तेमाल ब्लैकमनी के रूप में हो रहा है।