वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद ASI सोमवार सुबह से सर्वे करना शुरू कर देगी। ASI की एक टीम 24 जुलाई सोमवार को सुबह 7 बजे पुरातत्व सर्वे की कार्रवाई ज्ञानवापी परिसर के वैरीकेटेड एरिया से शुरू करेगी। इसके साथ ही सभी वादिनी और वादियों के एक-एक अधिवक्ता इस कार्यवाही में सम्मिलित होंगे। बता दें कि शनिवार 22 जुलाई को ही कोर्ट ने परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया था।
अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी जाएगी सुप्रीम कोर्ट
वहीं ज्ञानवापी परिसर में सर्वे को लेकर ज़िला अदालत के दिये गये आदेश पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका की मेंशनिंग आज अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी की तरफ़ से सुप्रीमकोर्ट में सुबह 10:30 बजे की जाएगी। वहीं सर्वे को लेकर वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि हमें ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) से जानकारी मिली कि सर्वेक्षण आज से शुरू होगा। हमें अभी तक समय के बारे में नहीं बताया गया है। हम सुरक्षा के लिहाज से सभी आवश्यक तैयारी कर रहे हैं।
शनिवार को दिया था सर्वे का आदेश
गौरतलब है कि वाराणसी जिला कोर्ट ने एएसआई सर्वे की मंजूरी दी थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक जांच होगी। कोर्ट ने एएसआई को 4 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील का कहना था कि काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को पूरे मस्जिद परिसर की पुरातात्विक जांच द्वारा ही हल किया जा सकता है। जबकि मुस्लिम पक्ष एएसआई सर्वे का विरोध कर रहा था।
क्या है ज्ञानवापी का विवाद?
ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ। ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी, जब 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दरअसल पहले इस परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के मुताबिक पूजा की जाती थी, लेकिन फिर इन महिलाओं ने मांग की, कि अन्य देवी देवताओं की पूजा में बाधा नहीं आनी चाहिए।
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