बेंगलुरु की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न के मामले में पिछले महीने गिरफ्तार जनता दल सेक्युलर के विधान पार्षद (एमएलसी) सूरज रेवन्ना की अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) हिरासत सोमवार को तीन जुलाई तक के लिए बढ़ा दी। पुलिस ने सूरज रेवन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-377 (कुकर्म), धारा-342 (अवैध रूप से बंधक बनाना), धारा-506 (आपराधिक धमकी) और धारा- 34 (समान मंशा से कई लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
यौन उत्पीड़न का है आरोप
विधान पार्षद को 22 जून को 27 वर्षीय एक युवक की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि विधान पार्षद ने हासन जिले के घन्नीकाडा स्थित फार्महाउस में 16 जून को उसका यौन उत्पीड़न किया था। अदालत ने 23 जून को सूरज रेवन्ना को आठ दिनों के लिए सीआईडी की हिरासत में भेज दिया था जिसकी मियाद सोमवार को समाप्त हो रही थी। इसकी वजह से सीआईडी ने सूरज रेवन्ना को अदालत के समक्ष पेश किया जहां मजिस्ट्रेट ने उनकी दो दिन की हिरासत और बढ़ा दी।
पुलिस ने 25 जून को दर्ज किया था केस
पुलिस ने 25 जून को सूरज रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न का दूसरा मुकदमा दर्ज किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि तीन साल पहले कोविड-19 महामारी के दौरान उसका यौन उत्पीड़न किया गया। पिछले सप्ताह सूरज रेवन्ना की मेडिकल जांच कराई गई। उनके डीएनए नमूने भी लिए गए और उनका पौरूष परीक्षण भी कराया गया। सूरज रेवन्ना के बड़े भाई और जद(एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवना भी दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हैं। दोनों पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद(एस) सुप्रीमों एच.देवेगौड़ा के पोते हैं।
(इनपुट-भाषा)