नई दिल्ली: माफिया मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत पर सवाल उठाने वाली उमर अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि मुख्तार की मौत की न्यायिक जांच हुई है, पर अभी तक न्यायिक जांच की रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली है।
2 हफ्ते में रिपोर्ट उपलब्ध कराएं-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट, मजिस्ट्रेट रिपोर्ट समेत मौत की न्यायिक जांच की रिपोर्ट 2 हफ्ते में उमर अंसारी को उपलब्ध कराए। बता दें कि मऊ सदर से पांच बार विधायक रहे 63 वर्षीय मुख्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित एक अस्पताल में मौत हो गई थी। मार्च महीने में तबीयत बिगड़ने के बाद मुख्तार अंसारी को बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था।
जेल में धीमा जहर दिया गया-अफजाल अंसारी
गाजीपुर के सांसद और मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने भी उस समय आरोप लगाया था कि मुख्तार को धीमा जहर दिया गया था। अफजाल ने कहा था- ''मुख्तार ने बताया था कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था और हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च 2024 को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब हो गई।'' अफजाल ने कहा था कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरखास्त दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में 'धीमा जहर' दिया गया है जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है।
पिता ने बताया था कि दिया जा रहा है धीमा जहर-उमर अंसारी
मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि जेल में उनके पिता को धीमा जहर दिया गया था। हालांकि, अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया। उमर ने कहा, "मेरे पिता ने हमें बताया था कि उन्हें 'धीमा जहर' दिया जा रहा है। अब पूरा देश इस बारे में जानता है।’’
वर्ष 2005 से जेल में बंद रहे मुख्तार के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे और उसे बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। उसकी मौत से पहले बेटे ने दिसंबर, 2023 में शीर्ष अदालत का रुख किया और जान को खतरे का डर जताते हुए अपने पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश देने का आग्रह किया था। राज्य सरकार ने 2023 में बेंच को आश्वासन दिया था कि यदि आवश्यक हुआ तो वह बांदा जेल के अंदर अंसारी की सुरक्षा मजबूत करेगी ताकि उसे कोई नुकसान न हो।
आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उप्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि उमर को दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे। बेंच ने उल्लेख किया कि अंसारी का पोस्टमॉर्टम किया गया था और बाद में मजिस्ट्रेट जांच भी की गई थी। इसने राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर उमर को चिकित्सा और जांच रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा, जो उसके बाद तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल कर सके। उमर की याचिका में कहा गया कि जब उसकी मां ने अंसारी की सुरक्षा के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तो अदालत ने मई, 2024 में उसकी सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया था।
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी की संपत्ति कुर्क
बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में पुलिस ने मंगलवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी की लखनऊ के गोमती नगर के विभूति खंड इलाके में दो करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क कर ली था। जिलाधिकारी के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दिवंगत पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी द्वारा अवैध रूप से अर्जित किए गए लखनऊ के चेल्सी टॉवर स्थित फ्लैट को मंगलवार को कुर्क कर लिया गया। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अफशां अंसारी ने यह संपत्ति ‘फ्लूम पेट्रोमैक्स प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से गिरोह बनाकर खरीदी थी। पुलिस ने बताया कि जब्त की गई इस संपत्ति का बाजार मूल्य दो करोड़ रुपये आंका गया है। अफशां अंसारी फिलहाल फरार है।