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परीक्षा में छात्राएं हिजाब पहने या नहीं? सुनवाई के लिए बेंच बनाएगा सुप्रीम कोर्ट

हिजाब मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक बेंच का गठन करेगा। अदालत ने कहा कि वह हिजाब मामले को होली के बाद सूचीबद्ध करेगा।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Mar 03, 2023 11:56 IST, Updated : Mar 03, 2023 12:28 IST
हिजाब मामले पर होली के बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
Image Source : FILE PHOTO हिजाब मामले पर होली के बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

हिजाब मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक बेंच का गठन करेगा। कर्नाटक में 5 दिनों के बाद होने वाली परीक्षा में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने की याचिका पर भी सुनवाई करेगा। अदालत ने कहा कि वह हिजाब मामले को होली के बाद सूचीबद्ध करेगा। इस मामले पर पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा की पीठ को बताया गया कि हिजाब पर बैन के मुद्दे पर शीर्ष अदालत के खंडित फैसले के बाद, लड़कियों को हिजाब पहनकर 9 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है। 

वकील ने अदालत के सामने रखी थी ये दलीलें

पिछली सुनवाई के दौरान वकील शादान फरासत ने कहा, “वे हिजाब पहनती हैं। यदि वे हिजाब पहने होती हैं तो उन्हें परीक्षा हॉल के अंदर जाने की अनुमति नहीं है। केवल उस सीमित पहलू पर, अदालत इसे सोमवार या शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर विचार कर सकती है।” फरासत ने पीठ को बताया कि हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के कारण कुछ लड़कियां निजी संस्थानों में चली गई हैं, लेकिन उन्हें सरकारी संस्थानों में अपनी परीक्षा देनी होगी। उन्होंने कहा कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो उनका एक और साल खराब हो सकता है। 

हाईकोर्ट का फैसला अब भी प्रभावी 
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा था, ‘‘मैं संज्ञान लूंगा।’’ न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता (अब सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ के खंडित फैसले के कारण हाईकोर्ट का फैसला अब भी प्रभावी है। पिछले साल 13 अक्टूबर को खंडित फैसले के चलते हिजाब विवाद का स्थायी समाधान नहीं हो पाया था। दोनों न्यायाधीशों ने मामले को एक वृहद पीठ के समक्ष रखने का सुझाव दिया था। न्यायालय ने पिछले महीने कहा था कि वह कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध से संबंधित मामले में फैसला सुनाने के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करने पर विचार करेगा।

पिछले साल कोर्ट ने दिया था ये फैसला
गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च, 2022 को अपना फैसला सुनाते हुए हिजाब पर प्रतिबंध जारी रखा था, जिसके खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। न्यायमूर्ति ने हाईकोर्ट को चुनौती देने वाली अपीलें खारिज कर दी थी, जबकि दूसरे सदस्य न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा था कि स्कूलों और कॉलेजों में कहीं भी हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा था कि किसी समुदाय को अपने धार्मिक प्रतीकों को स्कूलों में पहनने की अनुमति देना ‘‘धर्मनिरपेक्षता के विपरीत’’ होगा, जबकि न्यायमूर्ति धूलिया ने जोर देकर कहा था कि मुस्लिम हिजाब पहनना केवल ‘‘पसंद का मामला’’ होना चाहिए।

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