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आप भी वकीलों की हड़ताल से परेशान रहते हैं? जानें सुप्रीम कोर्ट ने इस पर क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक याचिका का निस्तारण करते हुए कोर्ट रजिस्ट्री को इस आदेश की प्रतियां सभी हाई कोर्ट्स के रजिस्ट्रार जनरल को भेजने का निर्देश दिया।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: April 20, 2023 21:45 IST
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Image Source : FILE सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के शिकायत निवारण समिति गठित करने का निर्देश दिया है।

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वकील हड़ताल पर नहीं जा सकते या वे काम बंद नही कर सकते। इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने सभी हाई कोर्ट्स को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में शिकायत निवारण समिति गठित करने का निर्देश दिया, जहां वकील अपनी ‘वास्तविक समस्याओं’ के निवारण के लिए अपनी बात रख सकें। जस्टिस एम. आर. शाह और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने स्वीकार किया कि बार के सदस्यों की वास्तविक शिकायतें हो सकती हैं और एक ऐसा मंच होना चाहिए जहां वे अपनी शिकायतों को रख सकें।

‘हड़ताल पर नहीं जा सकते वकील’

बेंच ने कहा, ‘हम एक बार फिर दोहराते हैं कि बार का कोई भी सदस्य हड़ताल पर नहीं जा सकता है और न ही अदालत के कामकाज से खुद को दूर रख सकता है। कई बार, इस अदालत ने वकीलों के हड़ताल पर जाने एवं काम से दूर रहने की आलोचना की है।’ बेंच ने कहा कि यदि बार के किसी सदस्य को कोई वास्तविक शिकायत है या मामलों को दर्ज कराने या सूचीबद्ध कराने में प्रक्रियागत बदलाव या जिला न्यायपालिका के किसी सदस्य द्वारा दुर्व्यवहार के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, तो वे समितियों से संपर्क कर सकते हैं ताकि हड़ताल की स्थिति को टाला जा सके।

‘शिकायत निवारण समिति का गठन करें’
बेंच ने कहा, ‘इसलिए हम सभी हाई कोर्ट्स से अनुरोध करते हैं कि वे अपने संबंधित हाई कोर्ट्स में शिकायत निवारण समिति का गठन करें, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस कर सकते हैं और इस तरह की शिकायत निवारण समिति में 2 अन्य सीनियर जज शामिल होंगे।’ बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट भी जिला अदालत स्तर पर इसी तरह की समितियों के गठन पर विचार कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा दायर एक याचिका का निस्तारण करते हुए कोर्ट रजिस्ट्री को इस आदेश की प्रतियां सभी हाई कोर्ट्स के रजिस्ट्रार जनरल को भेजने का निर्देश दिया।

हाई कोर्ट के आदेश को दी गई थी चुनौती
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की याचिका देहरादून के जिला बार एसोसिएशन की याचिका के साथ दायर किया गया था, जिसमें हाई कोर्ट के 25 सितंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने अपने उस आदेश में एसोसिएशन को जिला अदालत में हड़ताल वापस लेने या अवमानना कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा था। सर्वोच्च अदालत ने 28 फरवरी 2020 को देहरादून के जिला बार एसोसिएशन की अपील को खारिज कर दिया था और हड़ताल जारी रखने पर अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी थी। (भाषा)

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