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Supreme Court: भारतीय सेना में ‘वन रैंक-वन पेंशन’ फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा मामले में दम नहीं

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है जो केंद्र द्वारा 2015 में अपनाए गए ‘वन रैंक-वन पेंशन’ (OROP) सिद्धांत को बरकरार रखने के उसके फैसले के संबंध में दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इस फैसले में ना तो कोई संवैधानिक कमी है और ना ही यह मनमाना है।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Jul 29, 2022 14:46 IST, Updated : Jul 29, 2022 14:46 IST
Supreme Court
Image Source : INDIA TV Supreme Court

Highlights

  • ‘वन रैंक-वन पेंशन’ फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा मामले में दम नहीं
  • कोर्ट ने कहा फैसले में कोई संवैधानिक कमी नहीं है

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है जो केंद्र द्वारा 2015 में अपनाए गए ‘वन रैंक-वन पेंशन’ (OROP) सिद्धांत को बरकरार रखने के उसके फैसले के संबंध में दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इस फैसले में ना तो कोई संवैधानिक कमी है और ना ही यह मनमाना है। जज डी वाई चंद्रचूड़, जज सूर्यकांत और जज विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि पुनर्विचार याचिका में कोई दम नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘खुली अदालत में समीक्षा याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए अनुरोध को खारिज किया जाता है। हमने पुनर्विचार याचिका और इससे जुड़े दस्तावेजों को ध्यान से देखा है। हमें समीक्षा याचिका में कोई दम नहीं दिखा और उसी के अनुसार इसे खारिज किया जाता है।’’

कोर्ट ने केंद्र द्वारा अपनाए गए ‘वन रैंक-वन पेंशन’ सिद्धांत को 16 मार्च को अपने फैसले में बरकरार रखा था। कोर्ट ने कहा था कि भगत सिंह कोश्यारी समिति की रिपोर्ट 10 दिसंबर, 2011 को राज्यसभा में पेश की गई थी और यह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, मांग का कारण, संसदीय समिति के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है। समिति की रिपोर्ट में सशस्त्र बलों से संबंधित कर्मियों के लिए ओआरओपी को अपनाने का प्रस्ताव किया गया था। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट को सरकारी नीति के एक बयान के रूप में नहीं माना जा सकता है।

क्या है वन रैंक-वन पेंशन

वन रैंक वन पेंशन के अंतर्गत एक रैंक पर रिटायर हुए सैन्य कर्मियों को एक समान अवधि के लिए एक समान पेंशन का भुगतान किया जाता है, चाहे सैन्य कर्मियों की रिटायरमेंट की तारीख जो भी हो। इस तरह से ओआरओपी विभिन्न समय में रिटायर हुए सैन्य कर्मियों को एक समान पेंशन का दिलवाता है।

इसमें सरकार की मनमानी नहीं दिखती

वन रैंक वन पेंशन (OROP) मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से पहले भी बड़ी राहत मिल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा सैन्यकर्मियों के लिए लिया गया ‘वन रैंक वन पेंशन’ का फैसला ठीक है और सरकार की इस पॉलिसी में कोई कमी नजर नही आती है। कोर्ट ने आगे कहा था कि सरकार 1 जुलाई 2019 की तारीख से पेंशन की समीक्षा करे,इसके अलावा 3 महीने के अंदर बकाया का भुगतान करे।

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