नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों द्वारा दायर एक याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है। इस याचिका में विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के "मनमाने उपयोग" का आरोप लगाया गया था और गिरफ्तारी, रिमांड और जमानत को नियंत्रित करने वाले दिशानिर्देशों के एक नए सेट की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है। नेताओं के लिए अलग नियम नहीं हो सकते। नेताओं की गिरफ्तारी की प्रक्रिया अलग नहीं हो सकती और ऐसे मामलों में अलग गाइडलाइन जारी नहीं कर सकते। इस मामले में सीजेआई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट कैसे ऐसे मामलों में गाइडलाइंस जारी कर सकता है। ये भयानक साबित हो सकता है। हम इस याचिका को एंटरटेन नहीं कर सकते। जब आप लोकतंत्र और मूल स्ट्रक्चर की बात करते हैं तो हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि ये याचिका राजनेताओं की तरफ से दायर की गई है।
कोर्ट ने कहा कि अगर किसी राजनेता पर कोई केस दर्ज होता है तो हम ये कैसे कह सकते हैं कि उन्हें गिरफ़्तार न किया जाए। राजनेता भी देश के नागरिक ही हैं, उन पर भी वही नियम लागू होते हैं जो सबके लिए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, विपक्षी पार्टियों ने याचिका वापस ले ली है।
ये भी पढ़ें-
अभी तिहाड़ जेल में ही रहेंगे मनीष सिसोदिया, कोर्ट ने फिर बढ़ाई न्यायिक हिरासत
वर्ष 2024 के पहले ही दुनिया को झेलना पड़ सकता है तीसरा विश्व युद्ध, जानें किसने कर दी यह भविष्यवाणी