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जहांगीरपुरी में दो हफ्ते नहीं चलेंगे बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को दिया नोटिस,अगले महीने होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वहां अगले आदेश तक यथास्थिति बहाल रखी जाए। अब इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 21, 2022 13:51 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : PTI Supreme Court

Supreme Court on Jahangirpuri demolition  : जहांगीरपुरी में एमसीडी के बुलडोजर अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखते हुए एमसीडी को नोटिस जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वहां अगले आदेश तक यथास्थिति बहाल रखी जाए। अब इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

वहीं सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश के बावजूद बुलडोजर अभियान जारी रखने का मसला भी उठा। हालांकि कोर्ट ने अभी इसपर कोई आदेश जारी नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुलडोजर पर रोक का आदेश सिर्फ दिल्ली के लिए है जबकि बाकी जगह बुलडोजर पर कोई रोक नहीं है।

जमीयत उलमा-ए-हिंद का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि एनडीएमसी के मेयर ने मीडिया से कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश का सुबह 11 बजे पालन किया जाएगा, लेकिन विध्वंस अभियान जारी रहा। सुनवाई के दौरान, जब एक वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि अदालत को अगले आदेश तक विध्वंस पर रोक लगानी चाहिए तो शीर्ष अदालत ने कहा कि वह पूरे देश में विध्वंस को रोक नहीं सकती।

जमीयत उलमा-ए-हिंद का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण पूरे भारत में एक गंभीर समस्या है लेकिन मुस्लिम समुदाय को अतिक्रमण से जोड़ना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं दूसरे राज्यों में भी हो रही हैं और जब जुलूस निकाले जाते हैं और मारपीट होती है तो एक ही समुदाय के घरों पर बुलडोजर चलाया जाता है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जहांगीरपुरी में फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने का अभियान 19 जनवरी से शुरू हुआ था। फरवरी, मार्च में किया गया और 19 अप्रैल को अभियान की पांचवीं तारीख थी। मेहता ने कहा कि अवैध संरचनाओं को लेकर नोटिस दिया गया था। उन्होंने कहा कि लोगों ने पिछले साल दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और न्यायालय ने विध्वंस का आदेश दिया था। मेहता ने कहा कि प्रभावित लोगों ने अदालत का रुख नहीं किया, बल्कि एक संगठन ने इसकी जगह अदालत का दरवाजा खटखटाया।

मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह याचिकाकर्ताओं से नोटिस पर हलफनामा चाहता है, और तब तक यथास्थिति का आदेश जारी रहेगा।

दरअसल कल उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत जहांगीरपुरी में बुलडोजर के जरिए एक मस्जिद के पास कई ढांचों को तोड़ दिया गया। तोड़फोड़ के खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर एक याचिका पर संज्ञान लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट को अभियान को रुकवाने के लिए दो बार हस्तक्षेप करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बहाल करने का आदेश देने के साथ ही आज मामले की सुनवाई की तारीख तय की थी। 

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