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Supreme Court on Arya Samaj Marriage Certificate: आर्य समाज का मैरिज सर्टिफिकेट अवैध, सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला, जानिए और क्या कहा?

Supreme Court on Arya Samaj Marriage Certificate : सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज द्वारा कराई गई शादियों के सर्टिफिकेट को गैरकानूनी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि शादी का प्रमाण पत्र देना आर्य समाज का काम नहीं है।

Edited by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: June 04, 2022 10:03 IST
Supreme Court on Arya Samaj Marriage Certificate- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Supreme Court on Arya Samaj Marriage Certificate

Highlights

  • शादी का सर्टिफिकेट देना आर्य समाज का काम नहीं: सुप्रीम कोर्ट
  • कोर्ट ने खारिज कर दी आरोपी की याचिका
  • लव मैरिज के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिया निर्णय

Supreme Court on Arya Samaj Marriage Certificate : सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज द्वारा कराई गई शादियों के सर्टिफिकेट को गैरकानूनी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि शादी का प्रमाण पत्र देना आर्य समाज का काम नहीं है। दरअसल कोर्ट में मध्यप्रदेश की एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। मामला लव मैरिज का बताया जा रहा है।

लड़की के घरवालों ने उसे नाबालिग बताते हुए अपनी लड़की के अपहरण और रेप की FIR दर्ज करा रखी है, जबकि युवक का कहना था कि लड़की बालिग है। उसने अपनी मर्जी से विवाह का फैसला किया है। यह विवाह आर्य समाज मंदिर में हुआ है।

कोर्ट ने खारिज कर दी आरोपी की याचिका

सुनवाई के दौरान बेंच ने आर्य समाज के विवाह प्रमाण पत्र को वैध मानने से इनकार कर दिया और आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि आर्य समाज एक हिंदू सुधारवादी संगठन है और इसकी स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 में की थी।

शादी के सर्टिफिकेट देना आर्य समाज का काम नहीं: सुप्रीम कोर्ट

वेकेशन बेंच के जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना ने आरोपी के वकील की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि विवाह प्रमाण पत्र देना आर्य समाज का काम नहीं है। यह अधिकारियों का काम है। असली सर्टिफिकेट दिखाओ।

एमपी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर गई थी सुप्रीम कोर्ट में

सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दी थी। दरअसल MP हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर 2021 को आर्य समाज संगठन की मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा को शादियां करते समय विशेष विवाह अधिनियम 1954 (SMA) के प्रावधानों का पालन करने का निर्देश दिया था।

क्या है आर्य समाज की शादी?

आजकल आर्य समाज से शादी काफी चर्चित है। इसके पीछे की वजह है कि शो—बाजी से दूर रहने वाले लोग या फिर जाति प्रथा में विश्वास नहीं रखने वाले लोग आर्य समाज शादी की ओर रूख करते है। दरअसल आर्य समाज की स्थापना दयानंद सरस्वती ने की थी। इस समाज का अपना स्वयं का मंदिर होता है, जहां शादियां कराई जाती हैं।

भारत में आर्य समाज की शादी के लिए एक अधिनियम भी बनाया गया है, जिसे मैरिज वैलिडेशन एक्स, 1937 कहा जाता है। यह अधिनियम आर्य समाज की शादी की वैधता के संबंध में उल्लेख करता है। हालांकि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया कि आर्य समाज के शादी प्रमाण पत्र कानूनी नहीं है।

शादी का सर्टिफिकेट भी देता है आर्य समाज 

आर्य समाज की तरफ से मंदिर में शादी करने के बाद मंदिर प्रबंधक विवाह का प्रमाण पत्र भी प्रदान करता है। जिसमें यह उल्लेख किया जाता है कि मेरे सामने दोनों पक्षकारों की शादी संपन्न कराई गई है। जिसमें दिनांक और समय का भी स्पष्टीकरण किया जाता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आर्य समाज की तरफ से जारी विवाह प्रमाण पत्र को कानूनी मान्यता देने से मना कर दिया है। 

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